दिल्ली : पंजाब मे अगर 'बादल' वाली सरकार मेहरबान हो जाये तो फिर पानी नही पैसो की बरसात होती है. महज 500 रू से छोटी सी दुकान शुरू करने वाले मित्तल परिवार को जब बादल सरकार का आर्शीवाद मिला तो मित्तल परिवार हजार करोड़ से ज्यादा रूपये के Lovely ग्रुप मे तब्दील हो गया.
लड्डू की दुकान से लेकर Lovely Professional University तक का सफर मित्तल परिवार के लिए किसी करिश्मे से कम नही है. अरबों रूपये के Lovely ग्रुप को बादल सरकार कितना लव करती है. इसकी ताजा मिसाल Comptroller and Auditor General of India यानी (CAG) की ताजा रिपोर्ट से पता लगता है.
CAG ने अपनी रिपोर्ट मे साफ लिखा है कि पंजाब की प्राइवेट यूनिवसिर्टीयों मे भारी घपला है. इन यूनिवसिर्टीयों को Punjab Private University Policy 2010 के खुले उल्लंघन के रूप मे स्थापित किया गया है. चाहे शैक्षिणिक सत्र हो, University के लिए ली जाने वाली जमीन हो या फिर विधार्थियों की फीस हो किसी भी मामले में सरकारी नियमों का पालन नही किया गया.
पंजाब मे प्राइवेट यूनिवसिर्टी मे इतनी अधिक धाधलिया है. कि जब फरवरी 2015 से लेकर जुलाई 2015 तक CAG ने ऑडिट किया तो बार बार आग्रह करने पर सरकार ने Lovely Professional University की फाइले नही दी. CAG ने चार बार पंजाब सरकार को पत्र लिखा और कहा कि Lovely Professional University को मान्यता देने के जो भी रिकोर्ड है वो सामने रखे जाए लेकिन राजनैतिक दवाब के चलते CAG जैसी संवैधानिक संस्था को बादल सरकार के अफसरों ने जांच करने के लिए कोई रिकोर्ड नही दिया.
CAG के मुताबिक चार पत्र 23 फरवरी 2015, 2 मार्च 2015, 17 अप्रैल 2015, 29 जून 2015 को लिखे गये थे. लेकिन CAG को चीफ सेक्रेटरी जैसे अधिकारी भी रिकार्ड दिलाने मे मदद नही कर पाऐ. यही नही Lovely Professional University के प्रबंधन ने भी रिकार्ड और ऑडिट कराने के लिए CAG के साथ सहयोग नही किया.
उधर Lovely Professional University का दावा है कि विश्वविघालय Punjab State Private University Act 2005 के तहत स्थापित की गई है और उसे UGC की मान्यता प्राप्त है. यह यूनिवसिर्टी भारत की सबसे बड़ी यूनिवसिर्टीयों मे गिनी जाती है. जहां हर साल 30 हजार विधार्थी डिग्री लेते है. फिलहाल नियमों को ताक पर रखने मे Lovely University इक्लौती नही है. CAG ने अपनी रिपोर्ट मे कहा है कि पंजाब सरकार ने इन यूनिवसिर्टीयों के कामकाज को देखने के लिए कोई भी नियामक कार्यविधि नही बनाई है.
पंजाब मे 7 निजी यूनिवसिर्टीयों की स्थापना मे नियमों को ताक पर रखा गया. इसी तरह की धाधंलिया अब उजागर होने से पंजाब के विधानसभा चुनाव के अन्दर यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. क्योकि बादल सरकार के कामकाज की कलई दिन प्रतिदिन खुलती जा रही है.