वाशिंगटन : भारत और अमेरिका जैसे दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका को लेकर पिछले कई सालों में कई सवाल उठे। खासतौर से चुनावों के वक़्त जब मीडिया की भूमिका सबसे निर्णायक होती है तब उनपर एक तरफ़ा होने के आरोप दोनों देशों में लगते रहे हैं। फिलहाल दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे है। टीवी चैनलों पर राष्ट्रपति चुनावों की तीनों डिबेट हिलेरी क्लिंटन और ट्रम्प के बीच समाप्त हो चुकी है लेकिन विकीलीक्स ने अपने एक खुलासे में कहा है कि अमेरिका की मेनस्ट्रीम मीडिया इस बार चुनावों में हिलेरी का पक्ष ले रही है।
खुलासे में कहा गया है कि अमेरिकी मीडिया के 65 दिग्गज पत्रकार हिलेरी के चुनावी अभियान से जुड़े हुए हैं। विकीलीक्स ने कहा है कि 38 बड़े टीवी पत्रकारों ने हिलेरी अभियान के चीफ जॉन पोडेस्टा के साथ अप्रैल 2015 में कई मौकों पर डिनर भी किया था। 9 अप्रैल को भी एक अन्य आमन्त्रण में 25 बड़े पत्रकार हिलेरी की डिनरपार्टी में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि ट्रंप ने प्रेसिडेंशियल डिबेट में कहा था कि मुझसे होस्ट ने कई कठिन सवाल किये थे जबकि इसके मुकाबले हिलेरी से ऐसे कठिन सवाल नही किये गए। हिलेरी के चुनावी अभी से करीबी रखने में जिन पत्रकारों का नाम आ रहा है वह टीवी चैनलों ही नही बल्कि दिग्गज अमेरिकी अख़बारों के पत्रकार भी है।
इस डिनर में हिलेरी अभियान और पत्रकारों के बीच यह बातचीत हुई कि आगामी चुनावों में हिलेरी को कैसे लोगों में बीच प्रचारित किया जाए। इन पत्रकारों में ABC के लीज़ क्रयूत्ज़, AP के केन थॉमस, ब्लूमबर्ग के जेनिफर एप्सटीन, CNBC के जॉन हारवुड, CNN के डान मेरिका, हफ्फिंगटन पोस्ट के अमांडा टर्केल, NBC के मार्क मुरे, रायटर्स के अमांडा बेकर, वाशिंगटन पोस्ट के ऐनी जेरण, वॉल स्ट्रीट जनरल के लौ मेकलेर, वॉल स्ट्रीट जनरल के पीटर निकोलस, वॉल स्ट्रीट जनरल के कोलीन मेकइन नेल्सन शामिल हैं।