नई दिल्ली : भारतीय सेना पिछले 16 सालों से पाक अधिकृत कश्मीर (POK) की जमीन का किराया चुका रही थी। सीबीआई की जाँच में यह बात सामने आयी है। सीबीआई ने अब इस मामले में एक आपराधिक मामला दर्ज कर जांच आगे बढ़ दी है। सीबीआई इस बात की भी जाँच की जा रही है कि कैसे फर्जी कागजातों के जरिये तो यह धोखाधड़ी नही की जा रही थी।
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि साल 2000 से किराए के रूप में लाखों रूपये दिए जा चुके हैं। अख़बार डेक्कन क्रोनिकल की रिपोर्ट के अनुसार 1969-70 के जामाबंदी रजिस्टर में दर्ज खसरा नंबर- 3,000, 3,035, 3,041, 3,045 की 122 कनाल एवं 18 मारला जमीन को भारतीय सेना इस्तेमाल कर रही है।
सीबीआई ने अपन जाँच में इस बात का भी खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सब-डिवीजनल अधिकारी आरएस चंद्रवंशी और नौशेरा के खंबा गांव के पटवारी दर्शन कुमार की मदद से यह की गई।
सरकारी खजाने से इन जमीनों के किराए की रकम भी निकाली जा रही है जबकि असल में ये जमीनें पीओके में पड़ती हैं। सीबीआई यह जांच भी कर रही है कि क्या इन जमीनों के मालिक हैं भी या सिर्फ कागजों पर ही इनके नाम हैं।