दिल्ली : सोमवार सुबह करीब 8 बजकर 40 मिनट पर उस समय हड़कंप मच गया जब दिल्ली पुलिस ने फायर विभाग को बताया कि लाल किले पर कुछ संदिग्ध सामान मिला है. आनन-फानन में दमकल की आठ गाड़ियां मौके पर भेजी गईं. जांच के लिए एनएसजी, आर्मी को भी बुलाया गया.
दरअसल भारतीय पुरातत्व विभाग की एक टीम यहां पहले से खुदाई कर रही थी और खुदाई के दौरान उसे शनिवार की शाम एक कुंए में कुछ संदिग्ध सामान दिखा जिसके बाद यह कार्रवाई हुई. जांच में पता चला कि यह कुछ पुराने विस्फोटक और कारतूस हैं, जो सेना के हो सकते हैं, क्योंकि 2004 के पहले यहां सेना रहा करती थी.
पुलिस का कहना है कि ये कारतूस और विस्फोटक एक्सपायरी डेट के हैं. शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि एक समय में आर्मी लालकिले के अंदर रहती थी, हो सकता है कि कारतूस और विस्फोटक उसी समय छूटे हों. ये कारतूस और विस्फोटक ऐसे कोने में मिले हैं जहां आमतौर पर कोई आता-जाता नहीं है.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय धरोहर के लिहाज से लालकिला बेहद संवेदनशील माना जाता है. 26 जनवरी को लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ था. 26 जनवरी से पहले पुलिस चप्पे-चप्पे की तलाशी और सुरक्षा व्यवस्था के दावे करती है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इतनी भारी मात्रा में कारतूस और विस्फोटक कैसे छुपे रह गए?