लखनऊ : सपा से निकाले जाने के बाद अब अखिलेश यादव का भविष्य इस बात निर्भर करेगा कि पार्टी के बाकी विधायक किसके साथ हैं। अगर अखिलेश के साथ पार्टी के विधायकों का समर्थन रहा तो सपा से निकाले का उनकी सेहत पर कोई फर्क नही पड़ेगा। अगर पार्टी के विधायक मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल के खेमे में आते हैं तो चाचा शिवपाल का बरसों पुराना सपना पूरा भी हो सकता है।
शिवपाल यादव की सीएम बनने की लालसा तो हमेशा से रही इस बात से इनकार नही किया जा सकता है। कहा जाता है कि शिवपाल यादव के समर्थक तो साल 2016 की शुरुआत से ही मुलायम सिंह को यह भरोसा दिलाने में लगे हुए थे कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले कुछ वक़्त के लिए ही सही शिवपाल को यूपी का सीएम बना दिया जाये तो वह सपा की नैया पर लगा देंगे।
सूत्रों की माने तो साल 2016 के शुरुआत से ही शिवपाल मुलायम सिंह का भरोसा जीतने की कोशिशों में लगे हैं। जिला पंचायत चुनावों में जब 74 सीटों में से 60 पर सपा ने कब्ज़ा किया उस वक्त शिवपाल ने नेता जी को यकीन दिलाने की कोशिश की कि अगर उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री छह महीने के लिए बना दिया जाए तो साल 2017 में भी उत्तरप्रदेश में साईकिल की ही सरकार होगी।
अखिलेश यादव में मुलायम सिंह के भरोसे को देखते हुए जो बात शिवपाल आजतक नही कह सके वह अब साफ़ कह रहे हैं। मुलायम सिंह और अखिलेश के रिश्तों में कुछ समय से जिस तरह दूरियां बढ़ी शिवपाल ने इसे एक मौके के रूप में लिया और वह उसमे अब सफल होते भी दिखाई दे रहे हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि चाचा शिवपाल सीएम बनने के लिए कई धर्माचार्यों के आशीर्वाद लेने से लेकर यज्ञों तक का आयोजन कर चुके हैं। तो क्या चाचा का सपना पूरा होगा यह सपा के अगले कदम पर निर्भर करेगा।