नई दिल्लीः देश में जहां एक तरफ कैशलेस की बात हो रही है वहीं दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ कई सालों से कैशलेस है। यहां कई सालों से खरीदारी या लेनदेन की पूरी प्रक्रिया कैशलेस है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने वर्ष 2012 में ही कैदियों को स्मार्ट कार्ड जारी किया था।
छह हजार रुपये की है छूट
तिहाड़ जेल के अधिकारियों के अनुसार हर महीने को कैदी को अपने परिजनों से अधिकतम छह हजार रुपये लेने की छूट होती है। परिजनो से मिले इस पैसे का इस्तेमाल कैदी अपनी रोजमर्रा से जुड़ी चीजों की खरीदारी में कर सकते हैं।
तिहाड़ में मजदूरी की दरें तय
कुशल मजदूरों को तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से 171 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है। अर्धकुशल मजूदर को 138 रुपये व अकुशल मजदूरों को रोजाना काम के एवज में 107 रुपये का भुगतान होता है। इसमें 25 फीसद राशि काट कर कैदी कल्याण कोष में डाली जाती है, जिसे कैदियों के कल्याण से जुड़े कार्यो में जेल प्रशासन की ओर से खर्च किया जाता है।