नई दिल्ली : देश में किसानों की बढ़ती आत्महत्या के पीछे आमतौर पर कहा जाता है कि उनकी आत्महत्या की वजह स्थानीय साहूकारों से लिया गया लोन है। कहा जाता है कि किसान इसे वापस नही कर पाते और मजबूरी में आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। लेकिन यह पूर्णतया सत्य नही है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ताजा ऑंकडों के अनुसार साल 2015 में आत्महत्या करने वाले 80 प्रतिशत किसान ऐसे थे जिन्होंने बैंकों का माइक्रोफाइनैंस कंपनियों से लोन लिया था। आंकड़ों के अनुसार साल 2015 में लगभग 3000 से ज्यादा किसानों ने बैंकों से लिए लोन न लौटा पाने के कारण आत्महत्या की।
जबकि 2,474 किसान आत्महत्या करने वाले ऐसे थे जिन्होंने माइक्रोफाइनैंस कंपनियों से लोन लिया था। ऐसा पहली बार है जब NCRB ने इस तरह से आंकड़े दिए थे। इसमें पाया गया कि सिर्फ 10 प्रतिशत किसान ऐसे थे जिन्होंने साहूकारों से लोन लिया था।