लखनऊ: किसानों के कर्ज माफ़ करने का मामला योगी आदित्य नाथ के लिये प्राथमिकता का है। चुनावी घोषणा के आसार नै सरकार की प्रथम बैठक में गरीब किसानों के क़र्ज़ माफ़ी का निर्णय लिया जाना नई सरकार की बाध्यता है।
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी अपनी निगाह इसी निर्णय पर टिकाये हुए है। पूर्व मुख्यमंन्त्री अखिलेश यादव के भक्त अधिकारी भी जिन्हें योगी ने अभी नहीं हटाया है, पल का समाचार पहुँचा रहे होंगे ।यह क़र्ज़ मस्फी का यह निर्णय सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है । विरोधी दल वाले भी चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी के किसानों के कर्ज माफ करने वाले एलान की वास्तविकता पर नज़र गड़ाये हुए हैं।बीजेपी के चुनाव घोषणा पत्र में भी इसका उल् लेख किया गया था।
प्रधान मंत्री के बाद कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने भी कहा था कि यूपी में कर्ज माफी की राशि केंद्र देगा। केंद्र सरकार कीओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि किसान कर्ज माफी के रुपए केंद्र नहीं देगा। राज्य अगर किसानों का कर्ज माफ करति हैं तो उसे खुद इसका व्यय वहन करना होगा।अरुण जेटली के अनुसार केंद्र सरकार एकरूपता की दृष्टि से ऐसा नहीं कर सकती कि एक राज्य के किसानों को कर्ज माफी दे और दूसरे को नहीं।
पिछले सप्ताह एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने अनुशासन बिगड़ने की बात कहते हुये किसान कर्ज माफ किए जाने पर आपत्ति की थी। कर्ज माफी का विरोध करने वालों में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा भी शामिल थे।डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा ने कहा था कि इससे कर्ज लेने और देने वाले के बीच अनुशासन बिगड़ता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह रिजर्व बैंक का रुख नहीं है।
सरकार की तरफ से भी इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।मूंदड़ा ने यह जरूर कहा कि आरबीआई पारंपरिक रूप से किसान कर्ज माफी के खिलाफ रहा है। मुद्ड़ा के अनुसार यह देखना है जरूरी है कि कर्ज माफी की जरूरत है या नहीं। अगर है तो उसका तरीका क्या होना चाहिए।
प्रधान मंत्री की घोषणा,अरुण जेटली और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारियो के बयानों से तो अभी यही स्पस्ट हो रहा है कि किसानों की क़र्ज़ माफ़ी जा मुद्दा भी उतना ही कठिन है जितनी 15 लाख रुपये बैंक खातों में आने की बात।
कुछ भी हो मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ के लिए यह मुद्दा एक बहुत बड़ी परीक्षा के रूप में सामने खड़ा है। इस मामले को अतिशीघ्र निबटाने के लिये मुख्य मंत्री कटिबद्ध है सुर अपने अधिकारियो के साथ इस विषय पर गहन मंथन कर रहे है।
प्रधान मंत्री भी इस घोषणा को पूरा करने के लिये चिंतित है और प्रदेश सरकार को इस कार्य हेतु ऋण दिलाने के लिए प्रयासरत होंगे ताकि 2019 के चुनाव में इसका पूरा लाभ ले सके।