नई दिल्ली : एक तरफ देश में लोगों को अपने पैसे बैंकों में जमा करने का फरमान सुनाया गया है वहीँ दूसरी और भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक 'स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया' से उद्योगपति गौतम अडानी ने कितना कर्ज लिए हैं इसकी जानकारी जनता को नही दी सकती है। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कहा कि अडानी ने एसबीआई से कितना कर्जा लिया है ये सार्वजानिक नही किया जा सकता है क्योंकि ये दस्तावेज एसबीआइ के अधिकार में हैं और व्यावसायिक गोपनीयता से जुड़े हैं।
रमेश रणछोड़दास जोशी नामक व्यक्ति ने आयोग से एक याचिका के जरिये ये जानकारी मांगी थी। याचिका में पूछा गया था कि एसबीआई ने किस आधार पर गौतम अडानी समूह को इतना बड़ा ऋण दिया। उन्होंने वे प्रमाण भी मांगे थे, जिनसे यह साबित हो कि ऋण ऑस्ट्रेलिया में कोयला खानों के लिए दिए गए हैं। सूचना आयुक्त मंजुला पाराशर ने अपने आदेश में कहा कि आरटीआई कानून की धारा 8(1) (डी) (व्यावसायिक गोपनीयता) और (ई) (न्यायिक अधिकार) के तहत याचिकाकर्ता को यह जानकारी नहीं दी जा सकती।
मीडिया ख़बरों की माने तो स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने अडाणी समूह की कंपनी अडाणी माइनिंग को क्वींसलैंड में कोयला खदान शुरू करने के लिए लगभग छह हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। आंकड़ों के अनुसार अडाणी पर घराना अब तक स्टेट बैंक से कुल 65 हजार करोड़ रुपए ले चुका है।
बैंकों का किस उद्योगपति पर कितना कर्ज
ग्लोबल क्रेडिट सुईस के आंकड़ों की माने तो देश के 10 बड़े उद्योपगपतियों पर बैंकों का 7.33 लाख करोड़ का कर्ज है। इसके अतिरिक्त इन उद्योगपतियों का विदेशीं बैंकों से भी लोन है। रिपोर्ट के अनुसार अनिल अम्बानी पर 1.14 लाख करोड़ का कर्ज है। जबकि दूसरे स्थान पर एस्सार समूह के रुईया ब्रदर्स हैं, इनपर एक लाख करोड़ रूपये का लोन है। वेदांत ग्रुप के अनिल अग्रवाल पर 79433 करोड़ रूपये, अडानी ग्रुप के गौतम अडानी पर 74900 करोड़, लैंको ग्रुप के मधुसूदन राव पर 40000 करोड़ रूपये, जेएसडब्ल्यू के सज्जन जिंदल पर 56,000 करोड़ रूपये, जेवीके ग्रुप के जीवीके रेडी पर 25000 करोड़, जेपी ग्रुप के जय प्रकाश गौड़ पर 61285 करोड़, जी एम राव(चेयरमैन), कंपनी - GMR ग्रुप लोन - 48000 करोड़ रुपए, राजकुमार धूत(चेयरमैन), कंपनी - वीडियोकॉन ग्रुप, लोन- 45000 करोड़ रुपए का लोन है।