अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में कहा कि भारत ने आतंकवाद के कारण काफी कुछ सहा है। ट्रंप ने भारत को आतंकवाद से पीड़ित देश बताया है ।
अरब-इस्लामिक US सम्मेलन में बोलते हुए ट्रंप ने यह बात कही। उन्होंने सभी देशों से अपील की है कि वे अपने यहां किसी भी आतंकवादी संगठन को शरण न दें। ट्रंप ने सभी देशों से कहा कि वे अपनी जमीन को आतंकियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली न बनने दें।
20 जनवरी को राष्ट्रपति पदभार संभालने के बाद ट्रंप पहली बार विदेशी दौरे पर निकले हैं। सऊदी के बाद वह इजरायल और इटली भी जाएंगे। रविवार को अरब के इस्लामिक देशों के साथ इस सम्मेलन में बोलते हुए ट्रंप का मुख्य बिंदु आतंकवाद एयरबस निबटने पर ही था। उन्होंने कहा कि मध्यपूर्वी एशिया के कई देशों में पांव पसार चुके कट्टरपंथी विचारधारा से लड़ने के लिए अमेरिका पश्चिमी एशिया के देशों के साथ सहयोग करना चाहता है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका से लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया से लेकर रूस तक, सभी देश आतंकवाद की पीड़ा झेल रहे हैं और यह सभी देश बार-बार हो रहे आतंकवादी हमलों से त्रस्त हैं।
ट्रंप ने सीधे-सीधे पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया, परन्तु आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा, 'हर देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जमीन पर आतंकवादियों को शरण न मिले।' 50 मुस्लिम-बाहुलय देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए ट्रंप ने रविवार को जो भाषण दिया, वह विदेशी जमीन पर दिया गया उनका पहला संबोधन था।
आतंकवाद से जूझ रहे मध्यपूर्व का कई बार जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि इस क्षेत्र के सभी देशों को साथ मिलकर इस्लामिक स्टेट (ISIS) से लड़ना होगा और उन्हें हराना होगा। मालूम हो कि ISIS का खात्मा करना ट्रंप के सबसे अहम चुनावी वादों में से एक है।
ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को 'अच्छाई और बुराई' की जंग का नाम दिया। उन्होंने इसे पश्चिमी देशों के साथ इस्लाम की लड़ाई नहीं है, बल्कि अच्छाई और बुराई की जंग बताया है। ट्रंप ने कहा कि वह इस पूरे क्षेत्र में अमेरिका को एक नई भूमिका में सक्रिय देखना चाहते हैं। ट्रंप के मुताबिक, मध्यपूर्व एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा योगदान आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में सहयोग देना हो सकता है। चुनाव जीतने से पहले भले ही ट्रंप ने मुस्लिम विरोधी टिप्पणियां की हों, लेकिन रविवार का उनका भाषण काफी अलग था।
उन्होंने कहा, 'यह अलग-अलग धर्मों, विश्वासों, संप्रदायों, नस्लों और सभ्यताओं के बीच की लड़ाई नहीं है। यह लड़ाई तो उन बर्बर अपराधियों और हत्यारों के खिलाफ है जो कि इंसानी जिंदगी को खत्म करना चाहते हैं। यह लड़ाई उनके खिलाफ है जो कि इंसानों की हिफाजत के लिए आगे आने वाले अलग-अलग धर्मों के अच्छे लोगों को खत्म करना चाहते हैं।' ट्रंप ने कहा कि मुस्लिम नेताओं और राष्ट्राध्यक्षों को कट्टरपंथ से मुकाबला करने और इसे हराने के लिए और प्रयास करने होंगे।