कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर उबाल आता दिख रहा है. इस बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पर कंडोम घोटाले के आरोप लगे हैं. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने कंडोम वितरण में करोड़ों रूपए की धांधली की है. सरकारी एजेंसियों से कंडोम खरीदने की जगह राज्य सरकार ने निजी कपंनियों से कंडोम ख़रीदे हैं और उन्हें कागज़ पर ही बाँट दिया है. सरकार ने कंडोम वितरण और एड्स के इलाज़ में ख़र्च होने वाले करोड़ों के खर्च का हिसाब किताब सामने नही रखा है.
मुख्यमंत्री है एड्स सोसाइटी के अध्यक्ष
बीजेपी नेता एन आर रमेश का आरोप है कि ये घपला कर्नाटक राज्य के एड्स प्रिवेंशन सोसाइटी KSAPS में हुआ है जिसे केंद्र और राज्य सरकार के अलावा बिल गेट्स फाउंडेशन से भी काफी पैसा मिलता है. रमेश का आरोप था कि 500 करोड़ रूपए की हेराफेरी हुई है. अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए उन्होंने वो सरकारी दस्तावेज़ दिखाए जिसमे फ़र्ज़ी एंट्रीज की गयी थीं. यानी जिनको कंडोम देने के फाइल पर दावे किये गए थे उनके नाम सिर्फ कागज़ पर थे. रमेश का कहना था कि कर्नाटक के सीएम एड्स सोसाइटी के अध्यक्ष है और स्वास्थ्य मंत्री उपाध्यक्ष हैं. लिहाजा दोनों घपले के आरोप से मुक्त नही हो सकते हैं.
सेक्स वर्कर और समलैंगिक लोगों को बांटे जाने थे कंडोम
दरअसल एड्स प्रोग्राम के सिलसिले में राज्य सरकार को सेक्स वर्कर, समलैंगिक, ट्रक ड्राइवर और रेड लाइट बस्तियों में नियमित रूप से कंडोम वितरित करने थे. लेकिन बीजेपी का कहना है कि ऐसा हुआ नही. कर्णाटक में 82,000 महिलाएं, 29000 समलैंगिक और 1700 किन्नर एड्स जैसी घातक बिमारी से ग्रसित हैं. इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए कंडोम का वितरण तेज़ी के साथ राज्य में होना चाहिए था. बीजेपी का आरोप है कि सरकार ने एड्स से जुड़े हज़ारों लोगों के टेस्ट कराने के भी दावे किये हैं लेकिन इसका हिसाब किताब नही दिया है.
ऐसा कहा जा रहा कि ज्यादातर घपला तब हुआ जब यू टी खादर कर्नाटक के स्वाथ्य मंत्री थे. फिलहाल खादर आजकल राज्य के सिविल सप्लाइज मंत्री हैं. उनका कहना कि कंडोम घपले में वो हर तरह की जाँच के लिए तैयार हैं.