दिल्ली : प्रधानमंत्री ने सोमवार को सिंधु नदी समझौते की समीक्षा बैठक में यह कह कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था कि रक्त और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते. जिसके बाद पाकिस्तान ने अब नया पैंतरा चलते हुए इस्लामिक देशों के सामने गुहार लगाई है.
विदेशी मामलों में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्री (OIC), ह्यूमन राइट काउंसिल ऑफ यूनाइटेड नेशंस और दूसरी संस्थाओं को कश्मीर मामले में दखल देने की गुहार लगाई है. सरताज ने 56 देशों को बकायदा पत्र लिखकर कश्मीर मामले पर दखल देने को कहा है.
वहीं आज सरताज ने सिंधु जल संधि पर मोदी सरकार के तेवरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सरताज ने कहा कि पाकिस्तान और भारत इस संधि को मानने को बाध्य हैं. भारत अपनी तरफ से न इस संधि को तोड़ सकता है न ही पानी को रोक सकता है. अगर ऐसा हुआ तो हम अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट जाएंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने कल 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि की समीक्षा की थी. समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि संधि के तहत भारत झेलम सहित पाकिस्तान नियंत्रित नदियों के अधिकतम पानी का इस्तेमाल करेगा.
गौरतलब है कि कल सिंधु जल संधि की समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस. जयशंकर, जल संसाधन सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में इस बात पर भी गौर किया गया कि सिंधु जल आयोग की बैठक आतंक मुक्त वातावरण में ही हो सकती है.