दिल्ली: नौकरी के लिए कभी सेफ और ग्रोथ की गाह माने जाने वाले क्षेत्र अब उतने सुरक्षित नहीं रहे. ऐसे में नौकरियों और करियर की ग्रोथ के लिए नए क्षेत्रों की जहां खोज जारी है वहीं मेड इन इंडिया पर जोर जैसी सरकारी पहल के बाद मौजूदा क्षेत्रों में अवसरों का पनपना जारी है. भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र यानी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में 33 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने की संभावना मौजूद है.
फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र साल 2024 तक 90 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर सकता है. उद्योग संगठन एसोचैम (ASSOCHAM) ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए यह जानकारी दी. 'फूड रीटेल : इन्वेस्टमेंट : इंफ्रास्ट्रक्चर' पर एसोचैम-ग्रांट थॉर्नटन की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, "भारत में 2024 तक खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 90 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है और राज्यों में प्रत्यक्ष तौर पर 8,000 तथा अप्रत्यक्ष तौर पर 80,000 रोजगारों के सृजन होने की संभावना है."
अध्ययन के मुताबिक, अनुमानित तौर पर 121 से 130 अरब डॉलर मूल्य का भारत का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग वैश्विक स्तर पर दूध, दाल, गन्ना तथा चाय का सबसे बड़ा उत्पादक है और गेहूं, फल तथा सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया ने कहा, "केला, अमरूद, अदरक, पपीता इत्यादि के उत्पादन में भारत शीर्ष बाजारों में से एक है, हालांकि देश में प्रसंस्करण का स्तर सीमित है. यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में व्यापक अवसरों की ओर संकेत करता है."