निक्की अन्ग्डाई लेकर उठती है---पर नज़र अभी भी सामने पड़े केक,,शेम्पेन की बॉटल और उस सपने पर थी जो उसने देखा था।
समर,,,,समर कहाँ हो तुम--????----निक्की परेशान हो चारो तरफ समर को ढूंड रही थी---पर समर वहां होता तो दिखायी देता---पर तभी नज़र नीचे गिरे ब्रेस्लेट पर पड़ी----उस पर शिजा लिखा था।
शिजा का ब्रेस्लेट,,,,,मेरे घर पर-----तो,,,,,वो सब जो सपना देखा----वो सच था----निक्की को अभी तक विश्वास नही हो रहा था---अभी जो कुछ याहं हुआ था---मतलब समर,,,शिजा और अंकित के बीच की बात----सब उसने सपने में देखा था----उसको जहर भरा केक खिलाकर मारने का प्लान----समर की बेवफाई-----शिजा का धोखा-----उसे तो अब तक विश्वास ही नही हो रहा था।
नही,,,,,ये सब झूट है-----निक्की ने अपनी आंखे कस कर बंद कर लीं---और जोर से चीख पड़ी----सपने कभी सच होते हैं----समर----समर मेरे लिये सरप्राइज प्लान कर रहा होगा----खुद से ही बोली निक्की।
दरवाजे पर हुई खट खट की आवाज ने उसे चौंका दिया।
समर आ गया ----निक्की भाग कर दरवाजे पर पहुंची---पर ये क्या,,,???----यहां तो पुलिस इंस्पेक्टर खडे थे।
मिसेज खन्ना----आपके पति की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है---गाड़ी में मौजुद दोनो लोगों की मौके पर ही डैथ हो गई है---अपनी टोपी हाथ में ले इंस्पेक्टर ने बताया।
दूसरा कौन था--???----अपने को संभालते हुए निक्की बोली---कहीं न कहीं मन ही मन प्रार्थना भी कर रही थी की वो,,,वो न हो जिसे वो सोच रही है।
दुसरी कोई लडकी थी----बॉडी के पास से एक बैग मिला है---जिसमे दो फ्लाइट की टिकट और पासपोर्ट थे---सुबह की फ्लाइट थी---शायद जल्दी के चक्कर में गाड़ी ओवरस्पीड में थी----और शराब भी पी रखी थी----इंस्पेक्टर बोल चले गए।
निक्की थके कदमों से वहीं फर्श पर बैठ गई----सर दोनो हाथों में दबा लिया----जोर से चीखी----"""नहीं-----समर,,,क्यों किया तुमने ऐसा-----मैं तो तुमसे प्यार करती थी----"""""टूट गई हूं मैं----पापा ने कितना मना किया था तुमसे शादी को------पर मैने सबसे ज्यादा तुम पर भरोसा किया---अब मैं किसी पर भरोसा नही कर सकती---सब खत्म हो गया है"""-----और एक जोर का रुदन फूट पड्ता है।
निक्कू,,,,,,एक सर्द आवाज गुंजी।
निक्की ने जल्दी से सामने देखा----सामने अंकित श्रीवास्तव खड़ा था।
अंकित,,,,तुम----पर तुम तो जंगल के पास अपने घर की तरफ चले गए थे---पर याहं----निक्की को कुछ समझ नही आ रहा था----निक्की जल्दी से उसके करीब आयी----पर उसने हाथ दिखा कर रोक दिया।
तुम पिकनिक से कहाँ चले गए थे----मैने सपने में पता नहीं क्या क्या देखा था----जंगल में भी कुछ पूछती उससे पहले ही तुम चले गए थे----निक्की को कुछ समझ नही आ रह था---और अभी तुम्हे,,समर और शिजा को सपने में देखा था----फिर समर की खबर-----ये सब क्या है----खोयी सी उसने पूछा।
मैं तुम से बहुत दूर जा चुका हूँ----तुम से कुछ कहता या अपने दिल की बात बताता उससे पहले ही समर और शिजा ने मुझे नदी में धक्का दे दिया।----वो दोनो तुम्हे भी रास्ते से हटा कर सारी प्रॉपर्टी हड़प करना चाहते थे तुम्हारी----जो कुछ तुमने सपने में देखा वो सच था-----बेहद सर्द आवाज आयी अंकित की।
सन्न रह गई निक्की-----अंकित प्यार तो मैं भी करती थी तुम्हे----पर तुम्हे जब शिजा के करीब देखा तो दूर हो गई थी तुमसे---मुझे कुछ समझ नही आ रहा।
वो भी इन दोनो की चाल है----अब मैं चलता हूं---अपना ध्यान रखना----अंकित वापस परछायी बनता जा रहा था।
पर मैं तुम्हारे बिना---लौट आओ अंकित---समर ने भी मुझे धोखा दे दिया---तुम भी बीच राह में छोड़कर जा रहे हो---सिसक गई वो।
फिर किसी जन्म में मिलेंगे---पर तुम्हे फिर से अपने अन्दर की निक्की को स्म्भाल्ना है---तुम निराश नही होगी----फिर से एक नयी जिन्दगी शुरु करोगी----जिन्दगी बहुत खुबसूरत है----वादा करो----अंकित धीमे धीमे धुएं में तब्दील होते जा रहा था।
अंकित----वापिस आ जाओ----मुझे छोड़ कर मत जाओ----निक्की ने जल्दी से उसकी तरफ हाथ बढाया।
मुझे जाने दो----अंकित नम आवाज से बोला----सिर्फ तुम्हारी रक्षा के लिये अभी तक भटक रहा था---आज मेरा मक्सद पूरा हुआ----फिर मिलेंगे----और धुएं में हिलता अंकित का हाथ जल्दी ही धुएं में तब्दील हो गया।
निक्की,,,बेटा----निक्की के पापा बध्वास से आये---बेटा समर----सम्भाल अपने को।
निक्की उनके गले लग जाती है---और नम गीली आंखो से अंकित को हाथ हिला कर विदा कर देती है।
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कैसा लगा आज का पार्ट;-??/
बल्कि पूरी कहानी ही...!!!!----वो क्या है पहली बार ट्राय किया है ऐसा कुछ..!!!!----तो खूब सारे कमेंट्स जरूर कीजियेगा-;😊😊😊😊
धन्यवाद--शिल्पी गुप्ता ,,✍️✍️🙏🙏