कोलकाता : भारत में फिल्मों को सर्टिफिकेट देने वाले सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) पर वर्तमान दौर में सवाल उठते रहे हैं। खासतौर से पिछले कुछ समय से सीबीएफसी के चेयरपर्सन पहलाज निहलानी की भूमिका को लेकर कई सवाल उठे, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाना चाहती है।
अब नया विवाद नोटबंदी पर बनी एक फिल्म पर हो रहा है, जिसमे सीबीएफसी ने सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया था। फिल्म निर्देशक घोष कहते हैं, 'फिल्म में जो कट लगाए गए हैं वह बताते हैं कि नोटबंदी के विरोध में उठने वाली हर आवाज को सरकार दबा देना चाहती है।'
निहलानी ने नोटबंदी पर बनी फिल्म 'शून्यता' के निर्देशक सुवेंदु घोष को बुलाया और बताया कि उनकी इस फिल्म को 6 कट के बाद UA सर्टिफिकेट दे दिया गया है। निर्देशक घोष से कहा गया कि वह फिल्म में नोटबंदी का विरोध करने वाले डायलॉग को या डिलीट या म्यूट कर दें। कमिटी ने पूर्ण बहुमत के साथ जो फैसला लिया था चेयरपर्सन ने भी उसका समर्थन किया।'
फिल्म निर्देशक सुवेंदु घोष से 10 सेकंड का एक सीक्वेंस फिल्म से हटाने के लिए कहा गया है जिसमें फिल्म का एक किरदार कहता है कि वह नोटबंदी के बाद होने वाले मौत के जुलूस को स्वीकार नहीं कर सकता।
तो वहीं एक दूसरे सीन में साहूकार शोक व्यक्त कर रहा है कि सरकार के इस फैसले ने गरीबों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। CBFC ने फिल्म में गटर और सूबी शब्द के साथ ही सरकार के नोटबंदी अभियान की आलोचना करने वाले दूसरे बयानों को भी म्यूट करने का आदेश दिया है।