नई दिल्ली : नोटबंदी की घोषणा के बाद लोगों ने बैंकों में बड़ी मात्रा में पुराने 500 और 1000 के नोट जमा कर दिए लेकिन अभी तक नए नोटों का सर्कुलेशन सामान्य नही हो पाया है। इन सबके बीच सरकार का दावा है कि बैंकों में पर्याप्त पैसा है। वहीँ क्रेडिट सुइस रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि देश में 14.5 लाख करोड़ रुपये की करेंसी रद्दी हो चुकी है और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अब तक महज 1.5 लाख करोड़ रुपये के नोट छापे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई ने जो नई करेंसी छापी है उसमें ज्यादातर नोट 2000 के हैं। वहीं 1.5 लाख करोड़ रूपये की करेंसी के साथ 2.2 लाख करोड़ रुपये की करेंसी भी चलन में है। रिपोर्ट के अनुसार 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद 2,203 करोड़ नोट कागज के टुकड़े हो गए लेकिन उसके बदले 1,000 से 2,000 करोड़ नोट पर्याप्त नही हो पा रहे हैं। 10 से 18 नवंबर के बीच 1.03 लाख करोड़ रुपये लोगों तक पहुंचाए गए है। साथ ही 14.8 करोड़ रुपये की करेंसी में सें 6 लाख करोड़ की करेंसी बैंकों में जमा हो गई।
रिपोर्ट में एक हफ्ते के आंकड़ों का विश्लेषण कर कहा गया है कि आरबीआई रोजाना 500 रुपये के 4 से 5 करोड़ नोट छाप रहा है। इन आंकड़ों के हिसाब से जनवरी 2017 तक पुरानी करेंसी का 67 फीसदी पैसा ही चलन में वापस आ पाएगा। दुनियाभर में भारत के नोटबंदी के फैसले पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।