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क्या यही परिवार

24 सितम्बर 2021

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कहनी कुछ सच्चाई है जो आज कल के माहोल में सच साबित होते हुए मैने खुद देखी है ।  कहानी सभी किरदार काल्पनिक है  ये बस कहानी किसी की जिंदगी से मिलती जुलती है , जो सच में  मुझे किसी ने सुनाया था  काफी टाइम पहले सोचा आप लोगो के साथ शेयर कर लू वैसे अगर आप लोगो को अच्छी लगे तो कमेंट और अपनी राय जरूर देना  !

कहनी के ज्यादा पार्ट नही है । कहनी को मैं शेड्यूल कर दूंगी ।

आप तक खुद पहुंच जाएगी क्यूनिकी कहानी मेरे पास लिखी हुई है .!



कहानी एक परिवार की है जिसमे बस  चार  किरदार  मुख्य होंगे .... माता प्रोमिला... ,पिता शेखर  चंद्र और  दो बच्चे बेटा आरव, ओर बेटी आरुषि ...बहु सोनिया  कहानी जायदा बड़ी नही होगी,,,,,,बस एक मुदा है जो दिमाग में है,, तो आपके सामने रखने की छोटी सी कोशिश है ....

प्रोमिला ; एक हाउस वाइफ जिसका काम है घर ओर बाहर के हर मुद्दे पर बोलना चाहे उसके बारे में पता हो या न हो .....
चंद्र शेखर : घर में ही रहते है क्योंकि जब से आरव ने काम करना शुरू किया है तब से उन्होंने सारे काम छोड़ कर मन बीवी की बातों में लगा लिया है ...

एक फोर बी एच का खूबसूरत  फ्लैट  ; आरव 26- 27 साल का हैंडसम लड़का घर का लाडला,,,, एक प्राइवेट कंपनी में एम्प्लॉय सैलरी 30,000 लेकिन लाडला तब जब तक वो सबकी जरुरते पूरी करे ,स्टेटस:  मैरिड

वाइफ सोनिया एक दम सीरियल वाली बहु ,,,,,,जॉब के साथ साथ पूरे घर को संभाल कर रखने वाली लेकिन घर में उसकी वेल्यू ,,,,,, 10 रुपए के  से ज्यादा नही क्योंकि भई जिसमे आज कल एक चॉकलेट भी बड़ी मुश्किल से आती है ..….अरे भाई इतनी वेल्यू भी इस लिए है की घर में फ्री की काम वाली और बाहर जा कर जॉब करके चार पैसे घर में लाती है  .... एक प्राइवेट स्कूल में टीचर सैलरी 12, 000...

आरुषि 24 साल बेहद खूबसूरत  लड़की , बड़ी बड़ी आंखे कॉलेज में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट, बड़ी बड़ी आंखो में बड़े बड़े सपने....सबसे खास अपने मम्मी, पापा की लाडली ,,,,, उसे हर वो चीज चाहिए जो किसी आम मिडिल क्लास लड़की के पास तो हो ही नही सकती ..... ओर जो भी चाहिए वो सब हाजिर होना ही चाहिए ....अब वो कैसे और कहां से लाना है ,ये मम्मी पापा जाने .....

प्रोमिला पूजा घर में बैठी : बहु सुबह के छह बज गए है तो अपने पापा जी को चाय दे दे ,वरना सुबह सुबह फिर शुरू हो जायेगे .....किचन में नाश्ता रेड्डी करती सोनिया .... जी मम्मी जी अभी देती हूं ... चाय कप में डाल कर ट्रे में रखते हुए .... हॉल में जा कर ...पापा जी चाय ...

चंद्र शेखर जी : बहु वो मुझे मेरा चश्मा भी पकड़ा दो ... सामने ही टेबल पर चाय रखते हुए सोनिया ने चश्मा उठा कर आगे बढ़ाते हुए – लीजिए पापा जी , सोनिया आगे बढ़ते हुए दरवाजे से न्यूजपेपर उठा कर पापा जी ये लीजिए ...न्यूजपेपर ....

सोनिया फिर से किचन में काम करें लगी और नाश्ता बनाते –बनाते  कब सात बज गए पता ही नही चला ;
सोनिया ने अपने दो हाटों को इतनी गति दी की दो लोगो का काम अकेले करने लगी .... ओर वही खड़े  अपना नाश्ता  किया ... वो अक्सर रसोई में ही फटा फट नाश्ता करती थी ,जब से आरव ने देखा था की वो अक्सर जल्दी के चक्कर में अपना नाश्ता किए बिना ही निकल जाती है...  सोनिया के लिए यही एक अच्छी बात थी इस घर में की आरव से अरेंज मैरिज होने के बावजूद आरव पूरी ईमानदारी से अपना रिश्ता निभाता है ..... ओर यही एक वजह है सोनिया के चुप रहने की भी ...


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क्या यही प्यार है
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कहनी कुछ सच्चाई है जो आज कल के माहोल में सच साबित होते हुए मैने खुद देखी है ।  कहानी सभी किरदार काल्पनिक है  ये बस कहानी किसी की जिंदगी से मिलती जुलती है , जो सच में  मुझे किसी ने सुनाया था  काफी टाइम पहले सोचा आप लोगो के साथ शेयर कर लू वैसे अगर आप लोगो को अच्छी लगे तो कमेंट और अपनी राय जरूर देना  !

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