लखनऊ : उत्तरप्रदेश में चुनाव प्रचार चरम पर है लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस चुनाव में अभी तक केवल दो रैलियां की हैं। साल 2012 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो 'नेता जी' मुलायम सिंह यादव ने पूरी 300 रैलियां की थी। पूरे राज्य में जहाँ सभी राजनीति क दलों ने लोगों को लुभाने में कोई कसर नही छोड़ी वहीं 77 साल के समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह ने अपना ज्यादातर वक्त घर पर ही काटा।
मुलायम सिंह यादव ने इस पूरे चुनाव में सिर्फ अपनी छोटी बहु अपर्णा यादव और भाई शिपाल यादव के लिए प्रचार किया। अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ रही हैं और छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। उत्तरप्रदेश के सात चरणों वाले विधानसभा चुनाव में अब तक 5 चरणों का मतदान हो चुका है सपा के राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का कहना है कि पिछले चुनाव में जिस तरह मुलायम सिंह यादव ने 403 सीटों पर जोरदार प्रचार किया था अब वह सिर्फ दो सीटों पर सिमट गया है।
साल 2012 के विधानसभा चुनावों में मुलायम सिंह यादव ने जहाँ 300 से ज्यादा रैलियां की वहीँ उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में भी 18 डिवीजनों में 18 रैलियां की थी। वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हृदय नारायण दीक्षित का कहना है कि ''इस बार मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बनाया गया था इसलिए खुद अब उनकी पावर कम हो गई है। इसके बावजूद भी उन्होंने अपने दो चहेतों के लिए प्रचार किया। दीक्षित कहना है कि सपा और बसपा सिर्फ एक व्यक्ति पर आधारित पार्टी है
वरिष्ठ समाजवादी रघुनंदन सिंह काका का कहना है, सपा मुखिया मजबूर और निराश हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियों के नेता भी उनको लेकर चिंतित हैं। सिंह ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि अखिलेश अपना रास्ता भूल गए हैं। लोक दल के अध्यक्ष सुनिल सिंह ने कहा कि यह सच में सपा के लिए दुखद है कि जिस नेताजी ने उसकी स्थापना की, उसे उसी का आर्शीवाद नहीं मिल रहा है।
यहां तक कि राजनीतिक विरोधी भी मुलायम और शिवपाल पर चुटकी लेने में संकोच नहीं कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बलिया में अपनी रैली के दौरान कहा था कि सपा मुखिया ने साइकिल की हवा निकाल दी और शिवपाल ने साइकिल की चेन तोड़ दी।