
नई दिल्लीः यूपी में राष्ट्रीय एकीकरण परिषद के सचिव अशोक कुमार को डीएम की तैनाती में चल रहे पैसे के खेल का खुलासा करने पर सपा सरकार ने निलंबन का तोहफा दिया है। 'इंडिया संवाद' में खबर ब्रेक होने के साथ ही सियासी व प्रशासनिक गलियारे में खबर आग की तरह फैली। खुद भ्रष्टाचार के कई मामलों से घिरे और अमर सिंह से फोन पर दलाली करने वाले टेपकांड से जुड़े मुख्य सचिव दीपक सिंघल तत्काल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास पहुंचे। बोले-अशोक कुमार ने बड़ी बदनामी करा दी है। सबकी पगड़ी उछल रही है। बस अखिलेश ने कहा-देखते क्या हो नाप दो। मुस्कुराते हुए दीपक सिंघल ने निलंबन पत्र जारी कर दिया। उधर इस निलंबन पर वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अनुशासनहीनता को नए सिरे से परिभाषित करने की मांग की है। उन्होंने इस कार्रवाई पर एतराज भी जताया है।
आईएएस अशोक ने कहा था-70 लाख में बनते हैं डीएम
दरअसल राष्ट्रीय एकीकरण विभाग में सचिव अशोक कुमार यूपी के बस्ती जिले में बतौर नोडल अधिकारी निरीक्षण करने गए थे। वहां पत्रकारों ने डीपीआरओ की शिकायत की थी। कहा था कि वे 70 हजार रुपये लेकर ग्राम विकास अधिकारियों की नियुक्ति कर रहे हैं। क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी। इस पर अशोक कुमार का जवाब सुनकर पत्रकार व मौजूद मातहत अधिकारी सन्न रह गए थे। उन्होंने कहा कि- जिलाधिकारी की पोस्टिंग के नाम पर तो ऊपर 70 लाख रुपये लगते हैं, अगर मेरे पास 70 लाख होता तो मैं भी कहीं डीएम होता। मेरी भी इच्छा है कि कहीं डीएम बनूं, बाद में कमिश्नर भी नहीं बनना चाहता। हालांकि उन्होंने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कार्य में लापरवाही बरतने वाले ग्राम विकास अधिकारी को जहां निलंबित कर दिया था। वहीं डीपीआरओ के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की बात कही थी।
खबर फैलते ही सरकार की छीछालेदर पर निलंबन
यूं तो आईएएस अशोक कुमार ने यह बात शुक्रवार को ही निरीक्षण के दौरान खबरनवीसों से कर दी थी। मगर, मेनस्ट्रीम मीडिया में सिर्फ उनके निरीक्षण की खबरें ही जारी हुईं। डीएम बनने के रेट का खुलासे की जानकारी होने पर इंडिया संवाद ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। सनसनी फैलते ही कुछ अन्य प्रमुख वेबसाइट्स ने भी इस खबर को बाद में प्रकाशित किया। जिससे शनिवार को लखनऊ में हड़कंप मच गया। आखिरकार मुख्यमंत्री से मंत्रणा के बाद मुख्य सचिव ने आईएएस अशोक कुमार को निलंबित कर दिया।
सीनियर आईपीएस ने कहा-सरकार बताए क्या है अनुशासनहीनता
आईएएस अशोक के निलंबन पर यूं तो ब्यूरोक्रेसी में किसी ने चूं तक नहीं की। मगर, यूपी में बागी तेवरों के लिए चर्चित सीनियर आईपीएस व आईजी अमिताभ ठाकुर जरूर आगे आए। उन्होंने सरकार से अनुशासनहीनता को नए सिरे से परिभाषित करने की मांग की। कहा कि जिस तरह से आईएएस अशोक कुमार ने 70 लाख रुपये में डीएम के रेट का खुलासा किया और उन पर शासन ने अनुशानहीनता के मामले में कार्रवाई की, उससे अनुशासनहीनता की परिभाषा सरकार नए सिरे से अफसरों को बताए। अमिताभ ठाकुर ने पुलिस महकमे में भी पैसे के दम पर तैनाती की अपनी शिकायत पर भी खुद के खिलाफ कार्रवाई होने की बात कही।