वाराणसी से उपेंद्र शुक्ल-: पूर्वांचल के आखिरी दो चरणों में चुनावी सरगर्मी इस समय अपने चरम पर है। सियासतीं वसूलों की धज्जियां उड रही हैं। माफिया दलों के पैगंबर सरीखे बन जंग में कूद पडे हैं। उम्र, जुबान और पद की गरिमा तार तार हो चुकी है। इसी के चलते गठबंधन के पैरोकार बन कर बिहार से बनारस आये लालू यादव कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया का सबसे ज्यादा गंदा आदमी होने का ऐलान कर रहे हैं। यह सुनकर अखिलेश यादव और राहुल गांधी को भले ही गुदगुदी हो रही हो। लेकिन, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी तो शर्म से लाल हो गयी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती के लिये सियासी मुजाफा ही बहुत कुछ हो सकता है। इसीलिये उनके सियासी चश्मे सें मुख्तार अंसारी सूबे का माफिया सरगना नहीं, एक नेकदिल इंसान दिखाई पडता है। वह इसे गरीबों का मसीहा होने का तमगा दे चुकी है। उन्होंनं इस सच को भुला दिया है कि इस शख्स पर भाजपा नेता कृष्णानंद राय सहित सात लोगों की निर्मम हत्या का आरोप है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, ए.के 47 राइफल और पिस्तौल की 65 गोलियां कुष्णानंद राय जिस्म में उतार दी गयी थी। लगभग 40 दूसरे और भी गंभीर आपराधिक मामलों में इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इस समय वह जेल में रहते हुए भी मऊ सीट से चुनाव लड रहा है। अदालत ने चुनाव लडने के लिये पैरोल पर रिहा करने की उसकी दरख्वास्त खारिज कर दी है। मायावती ने मुख्तार के साहबजादे अब्बास अंसारी को घोसी सीट और उसके भाई सिबगतुल्लाह को मुहम्मदाबाद सीट से टिकट दे रखा है।
इसी तरह भाजपा ने भी चंदौली जले के सैयदराजा विधान सभा क्षेत्र में चर्चित बाहुबली बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह को टिकट देने से परहेज नहीं किया है। इनके मुकाबले में दूसरे बाहुबली श्याम नारायण सिह उर्फ विनीत सिंह मैदान में उतरे हैं। इस समय यह झारखंड जेल में बंद हैं। जौनपुर के चर्चित माफिया मुन्ना बजरंगी ने अपनी पत्नी सीमा सिंह को जिले की मडियाहू सीट से मैदान में उतार दिया है। यह पिछले चुनाव में अपना दल के टिकट पर चुनाव लडकर हार चुकी हैं। सपा सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र अमनमणि त्रिपाठी महराजगंज जिले की नौतनवा सीट से निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे हैं। अपनी पत्नी सारा की हत्या के आरोप में यह भी जेल में हैं। लेकिन, इनके प्रचार में कोई कमी नहीं है। इनकी बहन और भाई इनको जिताने के लिये जीजान से जुटेे हुए हैं। यही इस विधान सभाई चुनाव की सबसे त्रासद विडंबना है कि सभी राजनीति क दलों ने अपने सियासी मुनाफे के लिये नैतिकता और सिद्धांत को तिलांजलि देकर अपने समर्थक माफियाओं को मैदान में उतार दिया है।
अब चर्चा सपा और कांग्रेस गठबंधन के बडे पैरोकार बन कर बिहार से यहां आये राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेलगाम हो गयी जुबान की। बिहार के लालू यादव कोई ऐरागैरा शख्स और गंवई गंवार नहीं। पढेलिखे हैं। देखने में भी बुरे नहीं कहे जा सकते हैं। अपने सिर पर कई बार बिहार के मुख्य मंत्री का ताज भी पहन चुके हैं। रेलमत्री भी रहे हैं। इनकी पैदाइश भी उस बिहार में हुई है, जिसने भारत को राजेद्र बाबू और जय प्रकाश नारायण जैसे रत्न दिये हैं। लालू कब के साठसाला हो चुके हैं। लेकिन, इस चुनाव में इनकी बेलगाम बदजुबानी सुनकर अखिलेश, राहुल प्रशांत किशोर जैसो लोंगो को भले ही बहुत गुदगुदी हुई हो, लेकिन, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी तो शर्म से लाल हो गयी है।
वाराणसी में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय जिताने के लिये बडे जोशखरोश के साथ की गयी इनकी अपील को सुनकर लगता है कि जैसे लालू यादव के होश उड गये हैं। शायद, यही वजह है कि यहां उन्होंने भाजपाध्यक्ष अमित शाह को गैंडा कह मोटा दिया है, जो अपने इसी मोटापे की वजह से वह एक बार बिहार में लिफ्ट में फंस गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को उन्होंने दुनिया का सबसे गंदा आदमी घोषित किया है। वह बिना मतलब की बात करते हैं। अटल जी को कुछ खिला दिया है, जिससे उनका दिमाग ही सुन्न हो गया है। जापान के प्रधान मंत्री को इन्होंनं श्मशान घाट तक पहुंचा दिया है। यह भी कहा है कि बहुत गजब का है यह आदमी भाई। शोरूम में बदलते हैं कोट और ताली बजाकर करते हैं भाषण। पंजाब में वह अपने कों वहां के खून का बेटा और उत्तर प्रदेश में खुद को उसका दत्तक पुत्र कहते हैं।
उन्होंने प्रधान मंत्री पर सीधे हमलावर होते हुए उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी होली मनाने की बात करते हैं। लेकिन, उसके पहले ही वह होलिका दहन कर देंगे। वह पहली बार जब काशी आये थे, तो कहा था कि उन्हें गंगा माता ने यहां बुलाया है। गंगा मैया तो यहां उसी को बुलाती है, जिसका दाहसंस्कार होना होता है। बिहार के बाद मोदी की पार्टी का उत्तर प्रदेश में भी दाहसंस्कार किया जाना है। हद तो उस समय हो गयी, जब लालू यादव ने गोरखपुर में सांसद आदित्य नाथ योगी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि यह व्यक्ति संत के चोले में लंठ है। संत तो सभी को एक नजर से देखते हैं। अपना वोटबैंक बनाने के लिये एक धर्म की तुरही नहीं बजाते हैं। इसी दौर में उन्होंने कहा कि मोदी हिंदुस्तान के ट्रम्प हैं। ट्रम्प और मोदी दुनिया को कहां से कहां ले जायेंगे? मिर्जापुर की चुनावी सभा में आर.जे.डी. सुप्रीमो की बदजुबानी से उनकी उम्र और पद गरिमा तो तार तार हो गयी है। उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बीमारी के लिये नरेंद्र मोदी और अमित शाह को कटघरे में खडा कर दिया है। उनका आरोप था कि इन दोनों की साजिश से ही अटल जी बीमार हुए हैं। इसलिये उनकी बीमारी की जांच होनी चाहिये।