नई दिल्ली: बिहार में एक तरफ जहां लालू यादव के खास शागिर्द शहाबुद्दीन को तेजाब कांड में जमानत मिल गई है और उम्मीद ऐसी जताई जा रही है कि वो जल्द जेल से बाहर आ सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ कभी नीतीश के खास रहे मोकामा विधायक अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. उन्हें जमानत तो मिल गई है लेकिन वो जेल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि जिला प्रशासन ने क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगा दिया है. जिसके बाद जमानत मिलने के बावजूद बाहुबली छोटे सरकार को एक साल तक जेल में ही रहना पड़ सकता है.
अनंत पर लगा सीसीए
सिर्फ एक मामले में बाहुबली विधायक को जमानत लेना था और वह जेल से बाहर होते. लेकिन पटना जिला प्रशासन के कड़े रूख के चलते अनंत सिंह के मंसूबों पर पानी फिर गया और पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने बाहुबली विधायक पर सीसीए लगाने की सिफारिश कर दी. विधायक के करीबी सूत्र यह बताते हैं कि सीसीए लगाने का फैसला सरकार ने राजद के एक बड़े नेता के दवाब में लिया है. ऐसे में अनंत सिंह को करीब एक साल तक और जेल में रहना होगा.
लालू चाहते हैं शाहबुद्दीन की वापसी
बिहार की सत्ता में अपनी वापसी करने के बाद लालू यादव अपने कैडर को मजबूत करने में जुट चुके है. अपने मुस्लिम यादव वोट बैंक को मजबूत करने के लिए हर कवायद करने पर अमादा है. हाल के दिनों में लालू प्रसाद को दल के अंदर कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा दिखाई नहीं दिया। लिहाजा राजद अध्यक्ष ने मोहम्मद शहाबुद्दीन को राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया.