बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव एक बार फिर से चर्चा में हैं. आरोप है मई के आखिर में बीमार हुए लालू प्रसाद की देख रेख के लिए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) के तीन सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के घर लगाए लालू प्रसाद यादव का इलाज करने के लिए लगाई गई.
हालांकि IGIMS के अधिकारियों का कहना है कि लालू प्रसाद की नहीं बल्कि स्वास्थ्य मंत्री की ड्यूटी में हमारे डॉक्टर तैनात थे. बहरहाल इस बात का खुलासा आईजीआईएमएस का एक पत्र सामने आने के बाद हुआ है.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद मई माह में कई दिनों तक बीमार थे. उनकी देखरेख के लिए IGIMS के 3 सीनियर डॉक्टर और 2 मेल नर्सों की प्रतिनियुक्ति लालू राबड़ी के सरकारी आवास पर दी गई. IGIMS के तीनों डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति 31 मई 2017 से लेकर 08 जून तक थी. आठ जून को जारी आईजीआईएमएस कार्यालय के आदेश के मुताबिक 9 जून से फिर से इन लोगों की आगे की ड्यूटी IGIMS में लगा दी गयी.
लालू की सेवा में थे ये तीन डॉक्टर
- जेनलर मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार
- जनरल सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण गोपाल (अपर चिकित्सा अधीक्षक)
- फॉरेन्सिक मेडिसिन विभाग के डॉ. अमन कुमार (उप चिकित्सा अधीक्षक) शामिल हैं.
- इनके अलावा दो मेल नर्सों अनिल सैनी (सीसीयू) और विक्रम चारण (न्यूरो ओटी) को भी लालू प्रसाद के घर पर ड्यूटी पर लगाया गया था.
बता दें कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव हैं जो लालू यादव के बड़े बेटे हैं. वो स्वास्थ्य विभाग के अलावा वन एवं पर्यावरण विभाग के भी मंत्री हैं. जब इस बारे में इंदिरा गांधी आयुर्वि ज्ञान संस्थान के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चूंकि स्वास्थ्य मंत्री हमारे संस्थान के अध्यक्ष हैं, इसलिए उन्हें यह सुविधा दी गई. किसी और व्यक्ति को यह सुविधा नहीं दी जा सकती है.