लखनऊ: EVM पर केजरीवाल द्वारा बार बार उंगली उठाये जाने से क्षुब्ध होकर IIT के इंजीनियर गौरव कुमार शर्मा, नई दिल्ली ने अरविंद केजरीवाल को एक खुला चुनौती भरा पत्र भेजा है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
अरविन्द केजरीवाल को भेजे पत्र में गौरव शर्मा ने लिखा है कि केजरीवालजी आपको मैं कभी गंभीरता से नहीं लेता हू परन्तु आज मुझे आपका कुछ कहा व्यक्तिगत रूप से बुरा लगा है।
आप ने कहा की आप “IIT के इंजीनियर” है, तो EVM को हैक करने के 10 तरीके बता सकते है। मैं भी IIT का इंजीनियर (Electrical) हूँ और मैं आपको इस संस्थान की इज्जत मिटटी में नहीं मिलाने दूंगा। आज आपको कुछ तथ्यों से सामना करवाता हूँ। आपने आज से करीब 25 साल पहले IIT खड़गपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग किया। आप जनता को बेवकूफ बना सकते है पर एक इंजीनियर को नहीं। एक मेकेनिकल इंजीनियर होने के नाते आप EVM के बारे में कुछ नहीं जानते। EVM के बारे में ज्ञान होने के लिए आपको IC Design, Material science, Communication system, Electronics, Embedded system, Microprocessors and Programming का ज्ञान होना आवश्यक है… इंजीनियर तो सामन्यतया २ साल में सब भूल जाते है अगर उनका नाता इंजीनियरिंग से टूट गया हो और आप को तो 25 साल बीत चुके है, इसलिए “IIT का इंजीनियर” होने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना बंद कीजिये|
आप जानते भी है EVM कैसे काम करता है? EVM एक Stand-alone मशीन है, इसका बाहर की दुनिया से कोई नाता नहीं, इसे Software के माध्यम से हैक करना तो लगभग नामुमकिन है। हाँ अगर कोई जाके चिप बदल आये तो संभव है, इसको रोकने के लिए भी चुनाव आयोग आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाता है। आप एक हारे हुवे राजनेता के रूप मैं EVM पर प्रश्न उठायें पर एक “IIT का इंजीनियर” होने के नाते नहीं।
वैसे एक सत्य ये भी है की कोई IIT का हो जाने मात्र से अच्छा इंजीनियर नहीं हो जाता। अच्छे इंजीनियर तो वो है जिन्होंने EVM जैसी मशीन बनायीं , और इसका एक एक हिस्सा पूर्ण रूप से भारतीय बनाया ताकि किसी विदेशी को भी न पता चल पाए की EVM कैसे काम करती है । एक हिंदी न्यूज़ चैनल के जाने माने पत्रकार रजत शर्मा ने आपको IIT का Manufacturing Defect करार दिया । कुछ तो शर्म करो, IITs की कितनी बेज्जती करवाओगे।
खैर फिर भी आप को लगता है कि EVM हैक हो सकती है तो ये गधे की तरह ढेंचू ढेंचू करना बंद करो । चुनाव आयोग ने निमत्रण दिया है, आप भी जाएँ , आपके 10 में से कोई 1 तरीका लगाएं , EVM हैक करें और जनता को सिद्ध करें । एक बार हैक करके दिखाओ, फिर कहो मैं IIT से हूँ तो हमें भी अच्छा लगेगा की IIT के मेकेनिकल इंजीनियर ने Electrical , इलेक्ट्रॉनिक्स, मटेरियल साइंस, आईटी इंजीनियर सब को गलत साबित कर दिया। देश का भी भला होगा, पता तो चलेगा की सिस्टम में क्या बदलाव जरुरी है इसे और फुलप्रूफ बनाने के लिए। इंजीनियर होने के बावजूद भी आप पुरानी और भी घटिया बैलट पद्धति से चुनाव की मांग कर रहे, ये तो पूरी इंजीनियर कम्युनिटी के लिए शर्मनाक है। इंजीनियर टेक्नोलॉजी के मामले में कभी पीछे मुड़ के नहीं देखते। आपका शुभचिंतक, गौरव कुमार शर्मा, IIT दिल्ली
EVM में छेड़ छाड़ नही हो सकती इस बारे में चुनाव आयोग बार बार स्थिति स्पष्ट कर चुका है- "इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में छेड़ छाड़ की जाए तो वह स्वतः ही निष्क्रिय हो जाती है" चुनाव आयोग ने यह खुलासा किया है, EVM पर आरोप लगाने वाले पार्टी नेताओ के बयानों पर दिये स्पस्टीकरण के रूप में।
चुनाव के दौरान तो किसी पार्टी ने EVM पर उंगली नही उठाई पर चुनाव परिणाम आते ही पार्टीयो को जब करारी हार का मुँह देखना पड़ा तो उन्होंने हार का पूरा ठीकरा EVM पर ही फोड़ दिया ।
EVM का निर्माण देश मे ही होता है और इसका सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग कोड देश मे ही लिखा जाता है, तब उसे EVM कोड में बदल कर विदेशी कम्पनियो को इस कारण भेजा जाता है क्योंकि देश मे अभी सेमी कंडक्टर माइक्रोचिप बनाने की सुविधा नही है।माइक्रोचिप की अलग अलह पहचान संख्या होती है जो मेमोरी में दर्ज होती है और उसपर निर्माता के डिजिटल हस्ताक्षर होते हैै। माइक्रोचिप बदलना संभव ही नही नामुमकिन भी है क्योंकि इसमें छेड़ छाड़ होते ही EVM निष्क्रिय हो जाती है।
जहाँ तक EVM की सुरक्षा का प्रश्न है इन्हें डबल लॉक सिस्टम के अंतर्गत कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है। कोई अधिकारी भी लॉक रूम का ताला नही खोल सकता है। अधिकारियो द्वारा केवल ताला ठीक से लगे होने की पुष्टि भर की जाती है।
चुनाव आयोग ने इस आरोप को भी खरिज़ किया है कि EVM निर्माता भी इसमें किसी प्रकार की सेटिंग कर सकता है। किसी निर्माता को यह नही पता होता है कि अमुक EVM किस चुनाव क्षेत्र में जाएगी और वहां कौन कौन उम्मीदवार किस किस क्रमांक पर चुनाव लड़ेंगे। अतः निर्माताओं के स्तर से गड़बड़ी करने का कोई युक्त युक्त कारण ही नही बनता है।
इससे पूर्व भी केजरीवाल को एक व्यक्ति ने जूता खरीदने के लिये चेक से धनराशि भेजी थी कि जब कभी किसी सम्मानित व्यक्ति से मिलने जाया करे तो जूता पहनकर जाया करे।
चुनाव आयोग ने भी इधर 10 दिन का समय देते हुए EVM को हैक करने की चुनौती दी है,पर अभी तक किसी ने भी चुनौतीको स्वीकार नही किया है।
ऐसे में गौरव शर्मा का यह पत्र अरविंद केजरीवाल के लिये वास्तव में एक खुली चुनौती है ।जनता को केजरीवाल से इस पत्र के उत्तर की अपेक्षा है। केजरीवाल या तो EVM को हैक कर अपनी इंजीनियरिंग की काबलियत साबित करे या देश की जनता को गुमराह करने के आरोप में तुरंत राजनीति से सन्यास ले।