नई दिल्ली : बीएसएससी पर्चा लीक मामले में विशेष जाँच दल ने एक वरिष्ठ आईएएस अफसर को गिरफ्तार किया गया है। आईएएस सुधीर कुमार 1987 के आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें झारखंड के हज़ारीबाग़ से गिरफ़्तार किया गया। इस मामले में गिरफ़्तार बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम ने पूछताछ के दौरान कई मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के नाम लिए हैं। अब तक क़रीब दो दर्जन लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
आईएएस सुधीर कुमार की गिरफ्तारी से आईएएस लॉबी नाराज दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि अधिकारियों ने बैठक के बाद सुधीर कुमार की रिहाई के वह एक साफ़ छवि वाले अफसर हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है जबकि जोनल आइजी का कहना है कि सुधीर कुमार के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं। आईजी के अनुसार पेपरलीक कांड में उनके और उनके परिवार वालों की संलिप्तता पाई गई है। पेपरलीक कांड के रैकेट से भी सुधीर कुमार के संबंध थे।
गौरतलब है कि बीएसएससी की इंटरस्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में SIT की टीम ने सनसनीखेज खुलासे किये थे। अब तक की जांच में यह पता चला है कि पेपर लीक करने का सौदा 50 करोड़ से अधिक में हुआ था। एसआईटी सूत्रों के अनुसार प्रति छात्र 5 से 6 लाख रुपए में डील हुई थी। बतौर एडवांस 40 से 50 प्रतिशत राशि का पेमेंट किया गया था. शुरुआती जांच में पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, वैशाली छपरा में पकड़े गए फर्जीवाड़े में अब तक करीब 100 छात्रों को पास कराने की डीलिंग का खुलासा हुआ है।
यानी 2 से 3 करोड़ रुपए अग्रिम राशि के रूप में परीक्षा माफिया के नेटवर्क के पास इम्तिहान से पहले पहुंच चुके थे। इसकी गवाही कुछ गिरफ्तार सेटर दलालों का बैंक एकाउंट भी दे रहा है। वैसे यह आंकड़ा दो चरणों से जुड़ा है, जबकि परीक्षा चार चरणों में होनी थी. ऐसी स्थिति में 500 से अधिक छात्रों के साथ डीलिंग होने की आशंका जताई जा रही है।