
मुंबई : ' बॉलीवुड के महानायक' अमिताभ बच्चन ने पोती आराध्या तथा नातिन नव्या नवेली के नाम एक खुला खत लिखा है, जिसमें उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने के विशेष सबक देने की कोशिश की है, टीचर्स-डे के दिन लिखा यह खत. उन्होंने अभिषेक-ऐश्वर्या की बेटी आराध्या और श्वेता की बेटी नव्या नवेली से कहा है कि तुम दोनों भले ही नंदा या बच्चन हो, लेकिन पहले लड़की हो, महिला हो, इसलिए लोग अपनी सोच तुम पर जबरदस्ती थोपने की कोशिश करेंगे. लेकिन ऐसा मत होने देना.
अमिताभ ने इस लेटर में और लिखा
अमिताभ ने टीचर्स-डे के दिन लिखा-"मैं लिखता हूं एक पत्र- क्योंकि मैं चाहता हूं कि मैं एक पत्र लिखूं."
''तुम दोनों के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. आराध्या अपने परदादा डॉ. हरिवंश राय बच्चन और नव्या अपने परदादा एचपी नंदा की लीगेसी (विरासत) संभाल रही है. तुम दोनों के परदादा ने तुम्हें ये सरनेम दिया है, ताकि तुम इस प्रतिष्ठा और सम्मान का आनंद उठा सको.''
''तुम दोनों भले ही नंदा या बच्चन हो, लेकिन पहले लड़की हो, महिला हो. तुम महिला हो, इसलिए लोग अपनी सोच तुम पर जबरदस्ती थोपने की कोशिश करेंगे. वो कहेंगे कि तुम्हें कैसे कपड़े पहनने चाहिए, कैसा बिहेव करना चाहिए, किससे मिलना और कहां जाना चाहिए.''
''लोगों के जजमेंट की परछाईं में मत जीना. अपनी खुद की सोच को देखते हुए फैसले करना. किसी को भी इतना हावी मत होने देना कि तुम्हें खुद ये लगने लगे कि तुम्हारे स्कर्ट की लंबाई तुम्हारे कैरेक्टर का पैमाना है. किसी को यह सलाह देने की इजाजत भी मत देना कि तुम्हारे फ्रेंड्स कौन और कैसे होने चाहिए.''
''जब तक तुम खुद शादी के लिए तैयार न हो, किसी के दबाव या किसी और वजह से शादी मत करना. लोग तो बेवजह की बातें करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि तुम्हें उनकी बातें सुननी ही हैं. इन बातों से कभी भी परेशान मत होना कि लोग क्या कहेंगे?''
''नव्या- तुम्हारा नाम, तुम्हारा सरनेम तुम्हें उन मुश्किलों से कभी नहीं बचा पाएगा, जो एक महिला होने की वजह से अक्सर तुम्हारे सामने आएंगी.''
''आराध्या- मुझे लगता है कि समय के साथ तुम भी इन चीजों को समझने लगोगी. हो सकता है, मैं हर वक्त तुम्हारे आसपास न रहूं,
''महिला के लिए यह दुनिया बेहद कठिन हो सकती है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन चीजों को बदल सकती हैं। हालांकि, महिलाओं के लिए अपनी सीमाएं बनाना और दूसरों को फैसले से ऊपर सोचना भले ही आसान न हो, लेकिन तुम हर जगह महिलाओं के लिए एग्जाम्पल बन सकती हो।''
''ऐसा ही करना और जितना मैंने अब तक किया है, तुम दोनों उससे कहीं ज्यादा करोगी और यह मेरे लिए बेहद गर्व और सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के नाम से नहीं, बल्कि तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं.''
मेरा सारा प्यार...
तुम्हारा दादाजी, तुम्हारा नाना