लखनऊ:लखनऊ:त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्य मंत्री उत्तराखंड आज सायंकाल लखनऊ पहुँचे। चौधरी चरण सिंह अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इंडिया संवाद के प्रदीप कुमार शर्मा ने उनसे मुलाकात की और मुख्य मंत्री बनने के बाद पहली बार लखनऊ आने पर उन्हें शुभकामनाये दी।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इंडिया संवाद को बताया कि वे उत्तराखण्ड के गठन के समय से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के बीच फॅसे कुछ मामलों का हल निकालने के लिये मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ से विचारे विमर्श करने के लिये स्वंम लखनऊ आये है।मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ चूकि अभी नई दिल्ली में है इस कारण उनकी मुलाकात रात्रि 8-30 के बाद ही सम्भव होगी।
उत्तराखंड सरकार में हो रहे कार्यो के संबंध में पूछे जाने पर त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड के चतुर्मुखी विकास की दिशा में हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत के साथ काम कर रही है।उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में कड़ाई से काम किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि मैंने एक ही दिन में एक समय पर एक कलम से पाँच भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित कर उनके विरुद्ध जांच संस्थित करने के आदेश पारित किये है।किसी स्तर पर किसी भी नागरिक को कोई परेशानी न हो इस आशय के निर्देश सभी अधिकारियों और कर्मचरियो को दे दिए गए है।
उत्तराखण्ड राज्य के गठन के पश्चात उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के बीच बहुत से विवाद अभी लंबित पड़े हुए है। हमारी पिछली सरकारों ने विगत पाँच वर्षों में इन विवादों के निबटारे की दिशा में कोई सार्थक काम नही किया है। उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ अधिकारी और कर्मचारियो के सेवा संबंधी ऐसे मामले लंबित है जिसके कारण कर्मियों की सेवा की वास्तविक गणना न होने के कारण उन्हें पेंशन की सुविधा अबतक नही मिल सकी है। सेवा संबंधी मामलों के कारण न्यायालयों में पैरवी करने में शासन का अनावश्यक धन और समय बर्बाद होता है वही कर्मचारियो के हितो की रक्षा में अनावश्यक विलम्ब भी होता है ।
इसी प्रकार उत्तराखंड स्थित कुछ नहरों और बाँधो के देखरेख का काम अभी भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ही किया जा रहा है और वहाँ अभी भी उत्तर प्रदेश के ही अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत है। दूसरे राज्य के कर्मचारी तैनात होने के कारण एक और जहाँ बाँधो और नहरों पर उत्तराखंड सरकार का सीधा नियंत्रण नही हो पाता वही तैनात कर्मीयो की लापरवाही या अनुशासनहीनता होने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही संभव नही हो पाती।
त्रिवेन्द्र रावत ने इन सब मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय कराने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री से समय निर्धारित कराया था। नई दिल्ली से वापस आने और रात्रि को इन मामलों पर विचार विमर्श के बाद निर्णय होने की संभावना है।मुख्य मंत्री उत्तराखंड विश्राम करने गोमतीनगर स्थित उत्तराखंड भवन प्रस्थान कर गये।