लखनऊ: “फलदायी होगा अक्षय तृतीया का अमृत योग“, कल 28 अप्रैल 2017 को सुबह 10 बजे से लगने वाली तृतीया 29 को सुबह 10.56 बजे तक रहेगी।
शनिवार का दिन और रोहिणी नक्षत्र होने से इस बार की अक्षय तृतीया उनके लिए विशेष होगी जो विदेश यात्रा पर जाने वाले है या फिर प्रेम विवाह के बंधन में बधने की सोच रहे है। दानपुण्य का विशेष महत्व तो होगा ही विशेष फल भी मिलेगा। शनिवार को सुबह 5:30 से 10:56 तक अमृत योग होगा।
इस योग में बिना मुहूर्त के भी सभी शुभ कार्य किए जा सकते है। अक्षय तृतीया के दिन सहालक के दिनों से अधिक शादियां होती है,बताया जाता है कि इस दिन विवाह करने वालो की कुंडली भी मिलवाए जाने की आवश्यकता नही होती है। शादियों की धूमअक्षय तृतीया के चलते 28 व 29 अप्रैल को शुभ लग्न होने की वजह से शादियों की धूम होगी। बैंड मास्टर तैयार है तो शादी घर भी फुल हो चुके होते है।
अक्षय तृतीया के दिन खरीदे जाने वाली वस्तुओ को भी शुभ माना जाता है। स्वर्ण,आभूषणों,वाहन,भवन आदि की खरीद भी इस शुभ मुहर्त मे फलदायी होती है। इस दिन खरीदारी करने की मान्यता होने से बाजार भी तैयार हो चुके है। सोने चांदी की खरीदारी होने की वजह से सर्राफा बजार भी तैयारियों में जुटा है। खरीदारी के साथ ही अक्षय दानपुण्य भी किया जा सकता है।
भगवान परशुराम की जयंती मनेगी द्वापर युग में वैशाख शुक्ल तृतीय को जब भगवान परशुराम का अवतार हुआ तब छह ग्रह उच्च राशि में थें। भगवान परशुराम का जन्म हुआ और जिनका गोत्र जमदग्नि था। इस तिथि को ईश्वर की तिथि की संज्ञा दी गई है।
इसी दिन से त्रेतायुग का शुभारंभ हुआ था। इसीलिए इसे युबाब्दि तृतीया भी कहा जाता है। इस दिन किया गया जप,तप,दान,धर्म का पुण्य कभी नष्ट नही होता है। किसी भी वस्तु का नाश न हो इसलिए अक्षय तृतीया मनाई जाती है।
परंपराओं के अनुसार चार धामों में से एक गंगोत्री के पट भी इसी दिन ही खुलते है। व्रदावन में बाके बिहारी के चरणों के दर्शन भी साल में एक बार इसी दिन ही होते है।