Rio Olympics से लौटकर आई महिला एथलीट ओपी जैशा ने बाताया कि भारतीय स्टाफ की लापरवाही की वजह से वो पानी के लिए भी तरस गयी. मैराथन पूरी होने के बाद जैशा पानी की कमी के चलते दो घंटे बेहोश रही.
उन्होंने बताया, ”मैराथन के दौरान प्रत्येक ढाई किलोमीटर पर बाकी सभी देशों के अधिकारी पानी और अन्य रिफ्रेशमेंट के साथ मौजूद थे. लेकिन भारत से कोई नहीं था. हमारी डेस्क खाली थी. वहां पर देश का नाम और झंडा लगा हुआ था. मुझे नहीं पता मैंने बिना पानी के दौड़ कैसे पूरी की.
जैशा ने बताया कि अन्य देशों के खिलाडि़यों को ग्लूकोज और शहद जैसी लग्जरी चीजें मिल रही थी. वहीं उन्हें व कविता को पानी तक नहीं मिला. रेस पूरी होने के बाद वह गिर गर्इ. उन्हें 2-3 घंटे बाद होश आया. उन्हें सात बोतल ग्लूकोज की चढ़ाई गई.
आयोजक केवल आठ किलोमीटर की दूरी पर ही पानी और स्पंज उपलब्ध कराते हैं. यह पानी केवल 500 मीटर ही चलता है. चिलचिलाती धूप में 30 किलोमीटर के बाद दौड़ना असंभव हो गया था.” आपको बता दें कि मैराथन में 42.195 किलोमीटर दौड़ना होता है.
अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स फैडरेशन के नियमों के अनुसार मैराथन के दौरान कोई भी देश आधिकारिकों स्टेशनों के अलावा चार जगहों पर चार अधिकारियों को पानी और रिफ्रेशमेंट के लिए नियुक्त कर सकता है. मैराथन में दौड़ने वाला किसी दूसरे एथलीट का सामान नहीं ले सकता है.