जम्मू : पाकिस्तान की गोलाबारी में पंजाब के तरनतारन के बहादुर सैनिक गुरसेवक सिंह भी शहीद हो गए. गुरसेवक जम्मू कश्मीर के पुंछ में कृष्णाघाटी में तैनात थे. सबसे दर्दनाक पहलु ये है कि फरवरी में गुरसेवक की शादी होने वाली थी लेकिन अब तिरंगे में लिपटा गुरसेवक घर पहुंचेगा.
12 फरवरी को गुरसेवक की शादी होने वाली थी. घऱ में तैयारियां चल रही थीं लेकिन शादी से पहले घर पहुंची शहादत की खबर. बहनों को यकीन नहीं हो रहा है कि उनका प्यारा भाई अब कभी घऱ जिंदा नहीं आएगा, तीन दिन पहले ही गुरसेवक ने अपनी बहनों को फोन किया था.
गुरसेवक सिंह का भरा पूरा परिवार है. माता-पिता हैं. भाई है और दो बहनें हैं. राखी पर गुरसेवक बहनों से राखी बंधवाने आए थे. ये वादा करके लौटे थे कि अगली बार लौटकर शादी करेंगे. लेकिन अब सारे सपने टूट चुके हैं. सिर्फ घर ही नहीं तरनतारण जिले का वराना लालपुर गांव गम में डूबा है. नाते रिश्तेदारों के अलावा दोस्तों की आंखें भी नम हैं लेकिन सबको फक्र है कि गुरसेवक ने देश के लिए कुर्बानी दी.
गुरसेवक सिंह जम्मू कश्मीर में पुंछ की कृष्णाघाटी में लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनात थे. पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग के दौरान गुरसेवक सिंह को भी गोली लगी और वो देश के लिए शहीद हो गए. गुरसेवक सिंह 2013 में सेना में भर्ती हुए थे. वो सिख रेजीमेंट के सिपाही थे. देश के लिए मर मिटने के जुनून के साथ गुरसेवक ने सेना की वर्दी पहनी थी और वाकई वो देश के लिए मर मिटे.