नई दिल्ली : भारत अगले छह से 12 महीनों भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने की दिशा बड़ा कदम उठाएगा। यह कहना है अर्थक्रांति प्रतिष्ठान का, अर्थक्रांति वहीँ प्रतिष्ठान है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि उसकी राय पर मोदी सरकार ने नोटबंदी का अभियान चलाया।
अर्थकान्ति के मुताबिक अगले छह से 12 महीनों में 500 और 2,000 रुपये के वे नोट भी वापस लिए जा सकते हैं जो अभी नए-नए जारी किए गए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार संस्था का कहना है कि सरकार अब 100, 50 और इससे नीचे के नोट ही चलन में रखेगी ताकि गरीब तबके को किसी तरह की परेशानी न हो। सरकार नए-नवेले जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) सहित आयकर, उत्पाद शुल्क, वैट आदि सभी तरह के टैक्स समाप्त करने पर भी विचार कर सकती है और इसकी जगह पूरे देश में बैंकिंग लेन-देन पर एक-दो फीसदी बीटीटी (बैकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स) लगाया जा सकता है जिससे मिलने वाला राजस्व केन्द्र, राज्य और स्थानीय निकायों के बीच बंटेगा।
अर्थक्रान्ति के अनुसार इससे सरकार को ब्लैकमनी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों को भी तमाम करों के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। बैकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स से करीब 21 लाख करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा जो लगभग उतनी ही राशि है जितनी पूरे देश में केन्द्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय निकायों की ओर से वसूले जा रहे करों से मिलती है।