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दिल्ली : जुलाई के महीने मे खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के पार चली गयी है जो 23 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है. तो खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर भी 8 फीसदी से ज्यादा हो गयी है.
जुलाई के महीने में खुदरा महंगाई दर 6.07 फीसदी रही जबकि जून के महीने में ये दर 5.77 फीसदी थी. इसके पहले अगस्त 2014 में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी के पार गयी थी. गौर करने की बात है कि खुदरा महंगाई की ताजा दर सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा मिलकर तय किए लक्ष्य से भी ज्यादा हो गयी है.
खुदरा महंगाई दर बढ़ने का मतलब ये है कि नीतिगत ब्याज दर में हाल-फिलहाल कोई कमी नहीं होने वाली. ऐसे में सस्ते कर्ज की उम्मीद नहीं की जा सकती. इस मंगलवार को ही रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की अपनी समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को मौजूदा स्तर (6.5 फीसदी) पर बनाए रखा था.
खुदरा महंगाई दर को बढाने में रसोई की तीन अहम चीजों, दाल, चीनी और सब्जियों की बड़ी हिस्सेदारी रही. दाल और दाल के बने उत्पादों की खुदरा महंगाई दर जुलाई के महीने मे साढ़े 27 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ी. ये बढ़ोतरी बीते साल के जुलाई के मुकाबले है. उधर, चीनी की मिठास थोड़ी कम हुई और इसकी खुदरा महंगाई दर बीते जुलाई के मुकाबले इस जुलाई में करीब 22 फीसदी बढ़ी. सब्जियों मे भी आग लगी थी और इनकी खुदरा महंगाई दर 14 फीसदी से कुछ अधिक रही.
फिलहाल, जानकारों का अनुमान है कि अगले एक-दो महीने में खुदरा महंगाई दर में कमी आएगी. वजह है कि मानसून की बेहतर रफ्तार. साथ ही दाल की बुवाई भी काफी बड़े इलाके में हुई है. कुल मिलाकर बरसात की विदाई के साथ ही महंगाई दर से कुछ राहत मिल सकती है.