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मलाल

12 सितम्बर 2021

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मैं  कहती रही  वों सुनते रहे
खामोशी  की चादर ओढ़कर वो गुमशुम रहे
बुक्का मार कर मैं  बहुत रोई
वो अपनी  नर्म ऊगलियों से पोछते  रहे....
न जाने ऐसा क्यूं कर रहे थे
मलाल तो इस बात का रहेगा मुझे 
सुनकर भी  वो ऐसा तब्दीलियां कर रहे थे
उठकर चल दिऐ वो बिना कुछ  कहें...
मैं  बैठी बेबस रही वो बिन कहे चले  गए
बेबफा न कह सकी मैं वो नजरों  से कह गए
मुढकर जो देखा उस ने देखा एक नजर
हम मलाल भूलकर उनके आगोश में खो गए....
स्वरचित
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पूनम की डायरी

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जिंदगी

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कद्र

5 सितम्बर 2021
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<div><br></div><div>कद्रदान बनिऐ महफिल के हर एक शख्स की।<span style="font-size: 1em;">शा

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इतमिनान

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हनी ट्रैप

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जख्म

7 सितम्बर 2021
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<div>न कुरेदों जख्म मेरे हरे है अभी </div><div>नश्तर की नोक की चुभन शब्दों &n

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मिज़ाज....

7 सितम्बर 2021
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बुजुर्गों की प्रति हमारी अनदेखी

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<div>बदलाव और शहरों में रहने की आधुनिकता ने हमें पलायन स्वीकार करना अन

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योग और साधना

9 सितम्बर 2021
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<div>योग हमारे मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव अंकित करता है।आज की भागमभाग की जीवन शैलियों &n

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सीढियां

10 सितम्बर 2021
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<div>उन्नति का शिखर हो या ऊँचाइयां छूने के लिए एक एक कदम बढ़ कर आगे बढ़ाने वाला कदमों &n

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समस्या .....

11 सितम्बर 2021
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<div>मानव जीवन की बौद्धिकी में सर्वश्रेष्ठ है ।बुद्विजीवियों की भांति विकासोन्मुखी अनेक

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मलाल

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कस्तूरी

15 सितम्बर 2021
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<div>दबे पाँव जब तुम आए महक उठा तन</div><div> झंकृत हो उठा जब मन महक गई कस्तूरी&nbs

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इच्छाएं

16 सितम्बर 2021
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तन्हाई

24 सितम्बर 2021
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