shabd-logo

योग और साधना

9 सितम्बर 2021

45 बार देखा गया 45
योग हमारे  मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव अंकित करता है।आज की भागमभाग  की जीवन शैलियों  ने मानव को व्यस्त बनाकर स्वयं से भागकर अस्वस्थ  बना दिया है।आज का परिवेश अनुचित  आहार विहार खानपान  तला भुना शरीर  में व्याधियां उत्पन्न करके  डाक्टरों की फीस बढाकर मानसिक  तनाव बढोतरी  करता है,हम अपनी  जीवन के कुछ  बदलाव करके  स्वयं  को डायबीटीज  , हृदयाघात ,कैलेस्ट्ररोल,और भी  कई बीमारियों  से बचाव कर सकते है ।सुबह पांच बजे  उठकर गुनगुनाना  जल का सेवन करना  आंतों  के लिए लाभप्रद है।योग आज की जरूरत  है योग शांत वातावरण  में साधक बनकर करने से मन और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव देकर चेहरे का ओज और औरा मजबूत करता है।ये शरीर  पंच तत्वों अग्नि ,जल,वायु,गगन और पृथ्वी से बना है।एक साधक बनकर इस देह को दीपक के समान जलकर तेल और बाती की भांति स्वयं  को प्रकाशित करना दुर्लभ लगता है लगातार अभ्यास से  योग की राहें आसान है।योग और भोग शरीर  की वह क्रिया है जो हम स्वयंभू  होकर देखते है नासिक के माध्य दोनो नेत्रों के मध्य या शरीर  के सूक्ष्म केन्द्र  बिन्दुओं के द्वारों को बंद करके । योग हमें  स्थिरता  मजबूती  देता है।सही मार्गदर्शन  और सही निर्णायक  मंडल की भांति।भोग से तात्पर्य शारीरिक  सम्बंध  समझना कतई नहीं ,भोग आंतरिक  सप्तसुर शरीर के गुजंयमान शांतिप्रिय  होकर नदियों  का सुर जंगलों  की आवाजें  धरा का संगीत स्वयं  नजरिए  से देखकर बंद आंखों  को महसूस  करके  ही भोगा जाता है। योग साधक को दूरदर्शी बनाता है।ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ का सुर हमारी जिह्वा  में हमारी आत्मा  की शुद्धीकरण  करता है।नासिक और कर्ण को गुंजायमान करता है।योग गृहस्थ  जीवन में स्थिरता  देता है ,मन और विचार सात्विक होते हैसात्विक भोजन की ओर साधक अग्रसर होते  है।मैं  कौन का ज्ञान  साधक को तत्वज्ञान का आभास करता है।साधक इस  संसार में रहते हुए विरले बन जाते है।बुराईयां  छू भी  नहीं सकता। ब्रह्मचर्य  जीवन में वीर्यवर्धकता को शरीर  को मजबूती  देती है।हमारे ऋषियों  ने योग साधना से स्वयं  को साधक बनाया।अत: योग करिए साधक बनिए।धन्यवाद ।
रवीन्‍द्र श्रीमानस

रवीन्‍द्र श्रीमानस

आध्‍यात्‍म एवं योग पर आपकी रुचि व ज्ञान सराहनीय है। शुभेच्‍छा।

10 सितम्बर 2021

Poonam kaparwan

Poonam kaparwan

धन्यवाद हरीश जी

9 सितम्बर 2021

हरीश कंडवाल मनखी

हरीश कंडवाल मनखी

वास्तव में योग आत्मा को परमात्मा से जोड़ने की क्रिया है . सही व्याख्य की है आपने .

9 सितम्बर 2021

1

पूनम की डायरी

3 सितम्बर 2021
7
10
6

<div>चलिए खुलकर खिलखिलाते है।</div><div>मौसम का मिजाज बदल जाए चाहे </div><div>अपनी अलग दु

2

जिंदगी

4 सितम्बर 2021
2
7
6

<div>ये जिंदगी सवालात कर बैठी हमसे </div><div>तुम इतने इतमिनान से क्यूं &nbsp

3

कद्र

5 सितम्बर 2021
2
8
0

<div><br></div><div>कद्रदान बनिऐ महफिल के हर एक शख्स की।<span style="font-size: 1em;">शा

4

इतमिनान

6 सितम्बर 2021
6
15
8

<div>इतमिनान है मुझे तुम जहां भी हो खुश हो</div><div>नहीं तलाश करती है नजरें बस मै

5

हनी ट्रैप

7 सितम्बर 2021
2
5
0

<div>साइबर अपराध के तहत कुछ अपराधिक प्रपञ्च फैलाकर फ़ेसबुक या काॅल करके महिलाएँ बनकर पुर

6

जख्म

7 सितम्बर 2021
5
11
6

<div>न कुरेदों जख्म मेरे हरे है अभी </div><div>नश्तर की नोक की चुभन शब्दों &n

7

मिज़ाज....

7 सितम्बर 2021
3
6
2

<div>आज जाने की जिद न कीजिएगा</div><div>पहलू में आकर बातें कर लीजिऐगा</div><div>नजरों &n

8

बुजुर्गों की प्रति हमारी अनदेखी

7 सितम्बर 2021
2
9
2

<div>बदलाव और शहरों में रहने की आधुनिकता ने हमें पलायन स्वीकार करना अन

9

योग और साधना

9 सितम्बर 2021
2
10
2

<div>योग हमारे मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव अंकित करता है।आज की भागमभाग की जीवन शैलियों &n

10

योग और साधना

9 सितम्बर 2021
5
13
3

<div>योग हमारे मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव अंकित करता है।आज की भागमभाग की जीवन शैलियों &n

11

सीढियां

10 सितम्बर 2021
3
12
0

<div>उन्नति का शिखर हो या ऊँचाइयां छूने के लिए एक एक कदम बढ़ कर आगे बढ़ाने वाला कदमों &n

12

समस्या .....

11 सितम्बर 2021
3
13
2

<div>मानव जीवन की बौद्धिकी में सर्वश्रेष्ठ है ।बुद्विजीवियों की भांति विकासोन्मुखी अनेक

13

मलाल

12 सितम्बर 2021
4
4
0

<div>मैं कहती रही वों सुनते रहे</div><div>खामोशी की चादर ओढ़कर वो गुमशुम रहे</div><

14

अजनबी

13 सितम्बर 2021
2
6
6

<div>चलो इक बार अजनबी से बन जाए</div><div>न हम तुम्हें हमें जानों न हम तुम्हें जानें</div><div

15

नृत्य ....

14 सितम्बर 2021
6
12
0

<div>नृत्य अर्थात नाचना या डांस।यह विद्युतीय कला स्पंदन है जो शरीर को आनंद प्रफुल्

16

कस्तूरी

15 सितम्बर 2021
2
10
4

<div>दबे पाँव जब तुम आए महक उठा तन</div><div> झंकृत हो उठा जब मन महक गई कस्तूरी&nbs

17

इच्छाएं

16 सितम्बर 2021
2
6
0

<div>इच्छाएं स्वयं हम निर्धारित करते है अच्छी और बुरी ....असीमित और प्

18

तन्हाई

24 सितम्बर 2021
3
1
1

<div>आज ये कैसी हवा बह रही है.........</div><div>हम है तन्हा किसी की सदा आकर छू रही है</div><d

---

किताब पढ़िए