6 सितम्बर 2021
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मैं गृहिणी हूँ ।पहले एक अध्यापिका थी।लेखन पाठन नृत्यं में रुचि है।मुझ में पशुवर्ग प्राकृतिक प्रेम कूट कूट कर भरा है।प्रेम मेरा प्रिय विषय है। समाजके विषय पर लेखन करती हूँ ।प्रतिलिपि मंच पर भी लेखन करती हूँ ।धन्यवाद ।D
सादर आभार मोहित जी आपका ।
6 सितम्बर 2021
🙏 🙏 pragya g
6 सितम्बर 2021
बहुत बढियाजी
6 सितम्बर 2021
👍👍👍❤️❤️
6 सितम्बर 2021
सही कहा आपने आंचल जी ।मरने के बाद ही कद्रदान होते है जीते जी कोई पूछता ही नहीं।धन्यवाद सुप्रभात आंचल
6 सितम्बर 2021
हकीकती ज़िंदा रहते किसी को हमारी सुध कहां होती है... कम लोग हैं, जो कदर करते हैं। अच्छा लिखा आपने💐🙏🏻
6 सितम्बर 2021
सतीश जी सादर आभार सुप्रभातम्
6 सितम्बर 2021
बहुत बढ़िया
6 सितम्बर 2021