नई दिल्लीः मां के निधन पर तिहाड़ से जमानत पर छूटकर तमाम बड़ी पार्टियों में शिरकत कर रहे सहारा प्रमुख सुब्रत राय की मौज-मस्ती को नजर लग गई। सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पैरोल बढ़ाने से साफ इन्कार करते हुए तीन अक्टूबर तक सरेंडर करने को कहा है। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर आप सुनवाई चाहते हैं तो जेल जाना होगा। हमें मत बताइए क्या करना है। यह कहते हुए कोर्ट ने सभी अंतरिम पैरोल रद कर दी। उधर सहारा के माफी मांगने पर दोबारा पैरोल के लिए अर्जी दाखिल हुई। जिस पर आगे कोर्ट विचार करेगा। बता दें कि मां के निधन पर वह बीते छह मई को तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। तब से तमाम नेताओं और उद्योगपतियों के समारोहों में बड़े शान से शिरकत कर रहे थे। गौरतलब है कि सहारा मुखिया निवेशकों को चूना लगाने के मामले में फंसे हैं।
सिब्बल ने मांगी कोर्ट से माफी
जब कोर्ट ने सुब्रत रॉय की पैरोल अवधि बढ़ाने से सख्ती से इन्कार कर जेल जाने की बात कही तो दोपहर सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मंगी। इसके बाद पहुंचे वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने फिर से अर्जी लगाई। सिब्बल ने मुवक्किल की तरफ से मांफी मांगते हुए कहा कि गलती के लिए माफ करें और ऐसा अब दोबारा नहीं होगा। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि बेंच जजों से बात कर सुनवाई पर विचार करेगी। बता दें कि सहारा चीफ को दो अन्य डायरेक्टर्स दुबे और रॉय चौधरी के साथ 4 मार्च, 2014 को जेल भेजा गया था।
चार बार बढ़ चुकी है पैरोल
छह मई को पैरोल पर छूटे। इसके बाद 11 मई को दो सौ करोड़ सेबी के पास जमा करने की शर्त पर 11 जुलाई तक पैरोल बढ़ी। फिर कोर्ट ने 300 करोड़ जमा कराए तो पैरोल की अवधि बढ़कर तीन अगस्त हुई। चार अगस्त को कोर्ट ने तीन सौ करोड़ रुपये और जमा करने का आदेश दिया। उस दिन 16 सितंबर तक पैरोल टाइम कोर्ट न बढ़ाया। इसके बाद इस महीने बीते 16 सितंबर को तीन सौ करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त पर 23 सितंबर तक पैरोल बढ़ा दी गई।