पद्मश्री से सम्मानित मशहूर कवि और शायर बेकल उत्साही का निधन हो गया है. पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे उत्साही ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. ब्रेन हैमरेज की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
एक जून, 1928 को उतरौला के गांव रमवापुर में जन्में बेकल उत्साही ने गजल व शेरों-शायरी में कई प्रयोग किए. उनके ये प्रयोग श्रोताओं के सिर चढ़कर बोले. बेकल उत्साही को उत्साही का उपनाम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिया था. बेकल उत्साही की ये पंक्तियां सिद्ध करती हैं कि वे गंगा-जमुनी तहज़ीब के प्रतीक थे.