नई दिल्लीः मौका बरेली में सामाजिक एकता सम्मेलन का था, मगर यहां से सांप्रदायिक तीर खूब चले। रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह की खास मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम में बरेली की मशहूर आला हजरत दरगाह के मौलाना तौकीर ने नफरत की भाषा बोली। तीन तलाक के मुद्दे पर देश में छिड़ी बहस पर हिंदुओं को निशाना बनाया। कहा कि -तुम्हारे हिंदू धर्म में भी तो एक महिला के पांच-पांच पति होते हैं। महिलाओं को पता नहीं होता कि उसके बच्चे का बाप कौन है। मौलाना ने कहा कि तीन तलाक के मामले में अगर आप लोग दखल दोगे तो हम तुम्हारे हर माले में जोरदार दखल करेंगे।
समान नागरिक संहित को बताया फालतू
ऑल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने कॉमन सिविल कोड को फालतू बताया। कहा कि हिंदुओं में एक औरत के पांच-पांच शौहर हमने देखा, मगर इसे बुरा नहीं कहा। लिहाजा मुस्लिम धर्म के कायदे-कानूनों में भी कोई दखलंदाजी नहीं होना चाहिए। मौलाना ने चेतावनी दी कि अगर हमारे मामलात में दखल दोगे तो फिर हम तुम्हारे मामलात में भी देंगे। उधर जब बयान से सम्मेलन गरमाने लगा तो मौलाना को लगा कि मामाल बिगड़ न जाए, इस पर बोले कि मैं चाहता हूं कि अगर मस्जिद में अजान हो तो मंदिरों में भी गायत्री मंत्र पढ़े जाएं। मस्जिद हो या मंदिर किसी के भी सम्मान को ठेस पहुंचाया गया, कोई भी धार्मिक स्थल तोड़ा गया तो हिंदुस्तान का सिर शर्म से नीचा होगा।
क्या जो फेरे ले चुके हैं, वे फिर फेरे लेंगे
समान नागरिक संहिता पर मौलाना ने चुटकी लेते हुए कहा कि इसे लागू करने पर समस्याएं और बढ़ेंगी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि-क्या जिनके निकाह चुके हैं, उन्हें फेरे लेने होंगे या जिनके फेरे हो चुके हैं, उन्हें निकाह पढ़ना होगा। कॉमन सिविल कोड के जरिए हुकूमत दोनों संप्रदायों को आपस में लड़ाना चाहती है। तीन तलाक का विवाद इसी मंशा से मौजूदा सरकार खड़ा कर रही।