नई दिल्लीः जिस तरह से इजरायल जैसे छोटे से देश ने सर्जिकल स्ट्राइक के दम पर फिलिस्तीनी उग्रवादियों की कमर तोड़ दी, अब आने वाले समय में इसी तर्ज पर भारत पाकिस्तानी आतंकियों का सफाया करेगा। हिमांचल प्रदेश के मंडी में मंगलवार को हुई रैली में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा के दौरान इजरायल का नाम जोड़ा तो इस प्लानिंग का खुलासा हुआ। सवाल आफ करेंगे कि अगर यह सैन्य प्लानिंग है तो इसका किसी रैली में खुलासा करने की क्या जरूरत। दरअसल मोदी अब भी पाकिस्तान को अलर्ट करना चाहते हैं कि वह सीमा पार से नापाक गतिविधियों को भारत में अंजाम देना बंद करे, नहीं तो जिस तरह से पीओके में घुसकर भारतीय सेना ने पराक्रम दिखाया उसी तरह से भविष्य में भी सर्जिकल स्ट्राइक चलती रहेगी। यही वजह है कि मोदी ने इजरायल की सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लेकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की कोशिश की। हालांकि वे ज्यादा कुछ सर्जिकल स्ट्राइक पर नहीं बोले, मगर खुफिया एजेंसियों के सूत्र बता रहे कि
इजरायली दस्ते से भारतीय सेना टिप्स का आदान-प्रदान कर रही है।
बंधक जहाज को भी सर्जिकल स्ट्राइक से छुड़ा लेता है इजरायल
सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हमले में इजराइल को महारत हासिल है। बात चार जुलाई 1976 की है। जब युगांडा के एंटेब्बे अड्डे पर फिलिस्तीनी उग्रवादियों ने इजरायली जहाज को बंधक बना लिया। तब सौ इजरायली कमांडों की टीम ने महज 35 मिनट की सर्जिकल स्ट्राइक में सात अपहरणकर्ताओं को मार गिराते हुए हवाई जहाज को मुक्त कराकर यात्रियों की जान बचाई। इस आपरेशन में महज एक इजरायली कमांडो मारा गया था।
लाल किले से बलूचिस्तान तो मंडी से इजरायली स्ट्राइक का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ने हाल में दो खास मौकों पर पाकिस्तान को दबाव में लाने के लिए बड़े मुद्दे उठाए। बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से उन्होंने बलूचिस्तान का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान को संदेश दिया कि अगर वह कश्मीर के मामले में बेवजह टांग अड़ाएगा तो भारत भी बलूचिस्तान का मामला उठाएगा। इसके बाद अब जाकर मोदी ने हिमांचल प्रदेश की मंडी में आयोजित रैली में पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर भारतीय सेना के शौर्य का बखान करते हुए कहा कि पहले जो काम इजरायल करता था, अब वही काम भारत ने कर दिखाया है। इस बयान में गंभीर निहितार्थ रहे।
मोसाद जैसी काम करेगी रॉ
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया में सबसे ज्यादा चौकन्नी मानी जाती है। इस खुफिया एजेंसी के नाम अपहृत जहाज को मुक्त कराने से लेकर तमाम बड़े काम हैं। भारत और इजरायल के संबंध गहरे हैं। दोनों देशों के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप पर भी काम चल रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इजरायली एजेंसी मोसाद की तरह अब भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को विकसित करने की तैयारी में मोदी सरकार है। इसका जिम्मा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल देख रहे हैं। बता दें कि डोभाल ने ही बीते 29 सितंबर को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक का प्लान तैयार किया था। जिसके बाद भारतीय सेना 18 सितंबर को उड़ी हमले का बदला लेने में सफल रही।