नई दिल्ली : यूपी में बसपा की हलचल को लेकर मलाईदार पदों पर कुंडरी मारकर बैठे अफसरों की नींद उड़ गयी है. दरअसल समाजवादी पार्टी में पिछले कुछ महीनों से चल रही घमासान में अगर सबसे अधिक लाभ अगर किसी दल को हुआ है तो वह मायावती की ही पार्टी है. जिसके चलते पंचम तल पर तैनात आईएएस हों या सूबे के आईपीएस सबकी निगाहें प्रदेश में चुनाव के बाद बनने वाली सरकार पर लगी हैं.
सत्ता का सर पर हाथ तो डर काहे का
सूत्रों के मुताबिक सूबे की राजधानी में करीब 10 थानेदार और करीब 8 अफसर सत्ता की दखल पर तैनात हैं. बताया जाता है की इन थानेदारों के ठाणे दो बदल दिए जाते हैं, लेकिन उनकी थानेदारी नहीं छिनी जाती है. जिसके चलते उनके हौसले बुलंद हैं. इतना ही नहीं एक थानेदार पर तो लोगों के घर पर अवैध कब्जा करने का भी आरोप लगा. इसके बाद भी उनकी थानेदारी बनी हुई. बताया जाता है कि वह सत्ता के घमासान के मुख्य नायक के करीबी हैं, जिसके चलते अफसर तक उनकी थानेदारी छीनने से घबरा रहे हैं.
सपा का घमासान देखते रहे टीवी पर
बताया जाता है कि सोमवार को लखनऊ में चल रही सपा में घमासान पर इसी के चलते अफसर और उनके संगी साथी सारा कामकाज छोड़कर बस पार्टी में चल रही घमासान का सीधा प्रसारण चैनल पर देखते नजर आये.