नई दिल्लीः करोड़ों कमाने के चक्कर में खुद तो डूबे ही मां-बाप के दामन पर भी दाग लगा दिया। यह हाल है अनंत मिश्रा अंटू का। बसपा राज में स्वास्थ्य मंत्री रहे तो पांच हजार करोड़ का बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाला हुआ। सीबीआई की जांच में सामने आया कि छह मुख्य चिकित्साधिकारियों से 22 करोड़ घूस लेकर मंत्री ने मां विमला मिश्रा और पिता दिनेश चंद्र मिश्रा के नाम की कंपनी में लगाया। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कोई दखल देने से इन्कार कर दिया। कहा कि अनंत मिश्रा सीबीआई कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखें। इस प्रकार हाईकोर्ट से कोई अंतरिम राहत न मिलने से मां-बाप सहित अनंत मिश्रा को जेल जाने की आशंका सताने लगी है।
सीबीआई करेगी कुर्की, जारी हुआ गैरजमानती वारंट
अनंत मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने अनंत मिश्रा व उनके माता-पिता के खिलाफ गैरजमानती वारंट व कुर्की आदेश जारी कर दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को चार नवंबर को हर हाल में गाजियाबाद कोर्ट में उपस्थित होने का हुक्म दिया है। इससे अनंत मिश्रा को परिवार सहित सलाखों के पीछे होने का डर सताने लगा है।
सतीश मिश्रा की बहस भी काम नहीं आई
अनंत मिश्रा अंटू ने मुसीबत से बचाने के लिए बसपा के वरिष्ठ नेता व वकील सतीश मिश्रा की मदद ली है। मगर उनकी बहस भी हाईकोर्ट में कोई गुल नहीं खिला सकी। सतीश मिश्रा ने याची की ओर से कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर आपत्ति दर्ज करते हुए अर्जी दाखिल की। जिसकी सुनवाई के लिए चार नवंबर की तिथि मुकर्रर हुई है। अनंत मिश्रा की ओर से बहस करते हुए सतीश मिश्रा और पी चक्रवर्ती ने कहा कि सीबीआई कोर्ट ने पहले दिन ही चार्जशीट पर सं ज्ञान लेते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया था। बहरहाल कोर्ट ने अनंत मिश्रा व मां-बाप के खिलाफ मामले में धारा 82 यानी कुर्की का आदेश तामील किया है।
सतीश बोले-सीबीआई ने अनंत को फंसाया
सतीश मिश्रा ने कोर्ट में शिवकुमार परियार केस का हवाला देते हुए अनंत मिश्रा को बचाने की पुरजोर कोशिश की। साथ ही कहा कि अनंत मिश्रा के माता-पिता का इस घोटाले से कोई लेना नहीं है। सतीश मिश्रा ने कहा कि क्षेत्राधिकार पर आपत्ति अर्जी पर निर्णय लिए बिना कोर्ट याची के उत्पीड़न की कार्रवाई नहीं कर सकती। अनंत मिश्रा एनआरएचएम विभाग के मंत्री नहीं थे, मगर सीबीआई ने उन्हें फंसा दिया।