नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में बसपा का नया फंडा मायावती ने तैयार किया है. इस फंडे के तहत प्रत्याशी पार्टी को 20 लाख का चंदा दे और अपने पक्ष में रैली कराने के लिए भीड़ जुटाए. इसके बाद पार्टी सुप्रीमो की उनके जिले और उनके पक्ष में रैली की जा रही है. बताया जाता है कि अब तक बसपा सुप्रीमो ने यूपी में अगले साल 2017 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर आज़मगढ़ और इलाहाबाद रैली में अपने इसी फंडे का इस्तेमाल किया है.
बहनजी ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर भयभीत क्यों ?
सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो ने पार्टी से छितर- बितर हुआ ब्राह्मण वोट कि भरपाई करने के लिए साल 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए यह नई रणनीति तैयार की है. बताया जाता है कि मायावती को जब यह लगा की इस बार यूपी चुनाव में कहीं उनकी पार्टी फिर से धराशाही न हो जाये. इसलिए उन्होंने दूसरे राजनीति क दलों पर बसपा को भारी साबित करने के लिए अपना यह नया ट्रंप कार्ड खेल ा है. ताकि किसी भी दल को इस बात का अहसास न हो सके कि बसपा सही में कमजोर हुई है.
भय के बाद जोश भरी रैली माया की
सूत्रों के मुताबिक गत 28 अगस्त को बसपा सुप्रीमो ने यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव के चलते अपनी पहली रैली आज़मगढ़ से शुरू की और बड़े जोश के साथ हजारों की भीड़ से भरे जनसमूह के बीच अपनी चुनावी हुंकार भरते हुए अन्य दलों की जमकर खिंचाई की. इतना ही नहीं उन्होंने यह तक बोल डाला कि अबकी बार प्रदेश में फिर से उनकी सरकार पूर्ण बहुमत की बनने का रही है. जिसे कोई रोक नहीं सकता.
रातोंरात बनाया माया ने यह प्लान
हजारों लोगों की भीड़ से भरी इस रैली को देखकर मायावती की ताकत देखकर अन्य दल के नेता दंग रह गए और मायावती को अपने प्लान में बड़ी कामयाबी भी मिल गयी. लेकिन मायावती के इस प्लान के पीछे का कड़वा सच अगर आप जानेगें तो आप भी हैरान रह जायेंगे. दरअसल ब्राह्मण नेताओं के बसपा छोड़कर जाने से परेशान बहनजी ने जब देखा की उनकी पार्टी का सारा खजाना लुट चुका है तो उन्होंने रातोंरात अपना यह नया प्लान तैयार किया. फिर इसको अमलीजामा पहनाने के लिए उन्होंने आज़मगढ़ जिले के उम्मीदवारों को अपने पास बुलाया और रैली करने के लिए उनसे भारी भरकम रकम देकर भीड़ जुटाने के आदेश दिए.
पैसे लेकर उम्मीदवारों की रैली संबोधित
हालाँकि जानकार अपना नाम नहीं बताते, लेकिन यह पूछे जाने पर वह मुहं हिलाकर हामी जरूर भरते हैं. सूत्रों का तो यह भी कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने इसी प्लान का फंडा इलाहाबाद में पार्टी कि 3 सितंबर को हुई रैली में भी आजमाया था. फिलहाल मायावती के इस फंदे का राज अब उनके धुर विरोधी कहे जाने वाले दलों के मुखिया भी जान चुके हैं. इसलिए बसपा के हर पैतरे पर अब वह अपनी निगाह गड़ाये हुए हैं और उन्होंने बहनजी की हर चाल की काट ढूंढ निकली है.