नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी के नज़दीकी उद्योगपति गौतम अडानी को एक बार फिर प्रधानमंत्री से झटका मिला है. अडानी की दाल प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की करोड़ों रूपए की योजना तब धरी की धरी रह गयी जब मोदी सरकार ने इस मेगा योजना को इज़ाज़त नही दी. ध्यान रहे , अडानी फूड्स पर दाल के दामो में उछाल लाने के आरोप लगते रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक गौतम अडानी अरबों रूपए की दाल इम्पोर्ट करके SEZ क्षेत्र में ही प्रोसेस करके बेचना चाह रहे थे. अडानी अपना ये प्रोजेक्ट गुजरात के अडानी पोर्ट में बने SEZ फ़ूड पार्क में शुरू करना चाहते थे. उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार के वाणिज्य मंत्रलय से अनुमति मांगी. सूत्रों के मुताबिक अडानी की तरफ से इस काम को कराने के लिए वाणिजय सचिव पर दबाव था.
हालाँकि दबाव की बात सरकार ने इनकार की है लेकिन वाणिजय सचिव रीता तेवतिया ने अडानी ग्रुप को सूचित किया कि SEZ यानी स्पेशल इकनोमिक जोन में पल्स प्रोसेसिंग यूनिट नही लगाया जा सकता है. इसकी अनुमति सरकार आप को नही दे सकती है.इसके बाद मंत्रालय पर दबाव बनाने की कोशिश हुई लेकिन आखिर में प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी रीता तेवतिया के आदेश पर अपनी मोहर लगा दी.
सूत्रों के मुताबिक अडानी, अफ़्रीकी देशों से सस्ती दालें, खासकर अरहर, इम्पोर्ट करके SEZ में लाना चाहते थे और दाल को अपने प्लांट में प्रोसेस करके बाजार में बेचने की योजना बना रहे थे. इस तरह उन्हें दाल के धंधे में बेहिसाब फायदा पहुँचता. लेकिन सरकार ने मोदी के करीब रहे अडानी की एक न सुनी और उनके प्रस्ताव को आखिर में रदद् किया.