लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर चिंतित बसपा सुप्रीमो मायावती की चिंताएं और बढ़ती नजर आ रही हैं. मायावती और उनके दो करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ बुधवार को एक जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी की है. इस याचिका में उन पर और उनके रिश्तेदारों पर यह आरोप लगाया गया है कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उनके मूल गांव में जमीन कब्जियाने को लेकर तहसील में मौजूद रिकार्ड में हेराफेरी की गयी है.
जमीन का भाव बढ़ाने के लिए लैंडयूज में परिवर्तन
सामाजिक कार्यकर्ता संदीप भाटी की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति वाई वर्मा की बैंच ने यह नोटिस जारी किए. याचिका में आरोप लगाया गया है कि गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर गांव में 47,433 वर्गमीटर में फैले इलाके को ‘आबादी’ घोषित कर दिया गया. याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि ऐसा भूमि के इस्तेमाल को बदलने के इरादे से किया गया ताकि भूमि की खंड-खंड या पूरे भूखंड की बिक्री करके इस भूमि के मालिकों को अच्छा-खासा धन प्राप्त हो सके. ये गांव ग्रेटर नोएडा में आता है और याचिकाकर्ता ने मायावती, उनके भाई प्रभु दयाल और भतीजे आनंद कुमार को इसमें पक्षकार बनाया है.
लंबित याचिका के साथ जोड़ी गयी याचिका
अदालत ने इस याचिका को इसी तरह के आरोपों के साथ पहले से ही लंबित एक दूसरी याचिका के साथ जोड़ कर अगली सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.