आज मीरा बहुत खुश है, और खुश हो भी क्यो ना आज शादी के बाद उसकी पहली करवाचौथ जो है । शान्ति देवी (मीरा की सास )आवाज लगाती है, मीरा ओ मीरा जी मम्मी जी आई बस एक मिनट हाँ मम्मी जी बोलिए , ये ले थाल इसमे क्या है मम्मी जी खुद ही खोल के देख । मीरा थाल खोल के देखती है और उसकी आँखे खुशी से चमक उठती है, थाल मे एक लाल रंग का जोड़ा श्रृंगार का सामान, और चूडी जेवर होते है ।तुझे आज यही जोड़ा पहन कर तैयार होना है, और हाँ तेरे मायके से तेरा भाई आ रहा है कि नही ।
हाँ मम्मी भाईया आ रहे है ।
कहते हुए उदास हो जाती है , अरे तू उदास क्यो हो गई तुझे तो खुश होना चाहिए तेरा भाई आ रहा है ।
मम्मी मेरे मायके वाले इस वक्त काफी परेशान है, जो आपकी डिमांड थी वो शायद पूरी नही कर सकते है ।
अरे बेटा यह तो रस्म है, कि बहु के घर से पूजापे का सामान (सिंदारा) आता है ।
बेटा यह डिमांड नही है, यह केवल एक रस्म होती है कि बहु के मायके से पूजापा आता है अगर तुझे यह डिमांड लग रही है तो तू अपने भाई को अभी मना कर सकती है ।
तब तक दरवाजे की घंटी बजती है, देख दरवाजे पर शायद पालर वाली आई होगी मेहंदी लगाने के लिए बुलाया है, तेरे हाथो मे शान्ति कहती है ।
मीरा दरवाजा खोलती है समाने उसका भाई आया हुआ है उसे देखते ही उसकी आँखो से आंसू छलक पड़ते है ।
अन्दर आओ भाईया आंसू पोंछते हुए मीरा बोली शान्ति देवी कौन है बहार मीरा का भाई अन्दर आते ही शान्ति देवी के पैर छुए और कैसी है माँ जी आप
शान्ति देवी मै ठीक हू बेटा और तुम बताओ कोई परेशानी तो नही हुई आते समय नही माँ जी कोई दिक्कत नही हुई ।
अब यही खड़ी रहेगी कि अपने भाई को नाश्ता पानी के लिए भी पूछेगी ।
मीरा का भाईया पूजापे का सामान ( सिंदारा ) देते हुए कहता है कि माँ जी हम जल्द से जल्द ही एक नथनी की विवशता कर के मीरा को दे देगे ।
क्या नथनी के लिए बेटा तुम से किसने कहा है कि हमे सोने की नथनी चाहिए ।
मैंने कहा है मम्मी जी मीरा बोली और तुम से किसने कहा अपने मायके मे नथ मागने को अगर तुझे नथनी चाहिए थी तो मुझसे कहती वो तुम मेरी मेरे परिवार की जिम्मेदारी हो न कि मायके वाले की ।
शान्ति देवी हाथ जोड़कर माफी मांगने लगती है कि बेटा मेरी बेटी समान बहु से गलती हो गई जिसने तुझे इतना परेशान किया है, माँ जी प्लीज आप माफी मांग कर मुझे शर्मीन्दा न करे हम शादी मे इसे नथनी दे नही पाए जो कि मायके की तरफ से होती है इसलिए जल्द से जल्द इन्तजाम कर के दे दुंगा इस वक्त हाथ बहुत तंग चल रहा है ।
कोई बात नही बेटा अब नथ की कोई जरूरत नही है ।
मेरी माँ ने जो मुझे नथ दी थी वो मैंने साफ करवा ली है वही नथनी पहनेंगी मीरा आखिर वो भी मायके की है उसके मायके की न मेरे मायके की सही ।
अच्छा माँ जी अब मै चलता हू घर पर सब रहा देख रहे होंगे।
मीरा रोते हुए अपनी सास से माफी मांगती है, कि मम्मी जब मै विदा हो कर आई थी, तो औरते कह रही थी कि इसके मायके वाले ने इसे नथ तक न दी तभी ताई जी ने कहा था कि मै करवाचौथ से पहले मंगवा लू इसलिए मैंने अपने घर वालो से कहा था मुझे माफ कर दो मम्मी जी ।
देख मीरा जितने मुंह उतनी बाते इसलिए कहती हू कोई भी काम करने से पहले एक बार बड़ो की राय जरूर लेनी चाहिए ।
अब जाकर तैयार होना शुरू कर दे आज मेरी बहू दुल्हन की तरह सजनी चाहिए । आज उसका पहला करवाचौथ जो है ।
जी मम्मी जी जरूर आपकी बहु दुल्हन की तरह तैयार होगी कहती हुई हसते हुए अपने कमरे मे तैयार होने चली जाती है ।