शोभा एक पढ़ी लिखी सुंदर और संस्कारी लड़की है, उसके माता-पिता ने एक अच्छे परिवार मे उसका विवाह तय कर दिया ।
शोभा बहुत खुश थी नए जीवन मे प्रवेश के लिए और दुखी भी थी अपने माता-पिता को छोड़कर जाने के लिए ।
शोभा विवाह करके नरेंद्र (शोभा का पति) के घर आ गई
घर मे सबने बहुत अच्छे से स्वागत किया सारी रस्मो रिवाजो को पूरा किया गया ।
शोभा को तैयार करके नरेंद्र के कमरे मे बिठा दिया गया क्योंकि आज शोभा और नरेंद्र की विवाह की पहली रात है,
शोभा अपने मे सोचती है सब घरवाले कितने अच्छे है सबने कितने अच्छे से बात की फिर उसे नरेंद्र का ख्याल आता है।
शोभा सोचने लगती है कि नरेंद्र ने मुझसे एक बार भी बात नही की मै उससे बात नही करूँगी उससे रूठ कर बैठ जाऊँगी तब वो मुझे मनाएँगे अरे अरेंज विवाह हुआ है तो क्या मुझसे बात नही करेंगे ।
अकेले लेटना पडेगा अपनी पहली रात को तब पता चलेगा
उसी बीच नरेंद्र अपने कमरे मे आता है , शोभा शर्माते हुए नजरे झुका कर बैठ जाती है ।
नरेंद्र जैसे ही शोभा की ओर बढ़ता है, शोभा पीछे हट जाती है
कहती है मै बहुत थकी हुई हूँ ।
तुम वहा (सोफे की तरफ ) इशारा करते हुए लेट जाओ।
नरेंद्र का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ जाता है वो शोभा को
जोरदार तमाचा जड़ देता है । मै तेरा पति हू कोई यार नही जो तेरे इशारो पर नाचू यह सब सुन शोभा बुत बन जाती है उसकी आँखो से आंसु गिरने लगते है क्या सोच रही थी और क्या हो गया ।
शोभा नरेंद्र की बततमीजी से एक दम टूट गई वो उठकर जाने लगती है तभी नरेंद्र उसे उठाकर बैड पर फेंक देता है ।
उसके साथ जोर जबरदस्ती करने लगता है शोभा बहुत मना करती है लेकिन नरेंद्र को कोई फर्क नही पड़ता है ।
अगले दिन जब शोभा रसोईघर मे जाती है तब उसकी सास उसे देखती है उसे कई जगह चोटे आई है गर्दन पर जख्म है शोभा अपनी सास को नरेंद्र के बारे मे बताना चाहती है ।
तभी उसकी सास उसका पल्लू ठीक करते हुए कहती है कि
यह सब औरतो के साथ होता रहता है मेरे साथ भी यही हुआ था इसमे रोने वाली क्या बात है । शोभा यदि आपने नरेंद्र को अच्छे संस्कार दिए होते औरतो की इज्जत करना सीखाया होता तो आप को मेरे सामने नज़रे नही चुरानी पड़ती ।
जब मेरा बेटा होगा तब मै उसे ऐसे संस्कार दूँगी की मुझे मेरी बहु के आगे नज़रे नही झुकानी पड़ेगी ।
नरेंद्र को धूम्रपान और नशे की आदत है जिससे उसका स्वास्थ्य ठीक नही रहता है ।
शोभा के जीवन मे एक बार फिर खुशियो ने दस्तक दी शोभा माँ बन गई एक बेटे की सब लोग बहुत खुश है ।
नरेंद्र की हालत गंभीर होती जा रही है और इसी बीच एक दिन नरेंद्र दुनिया से विदा हो गया ।
शोभा बिल्कुल टूट गई उसकी सास ये सदमा बर्दाश्त नही कर सकी कुछ दिन बाद उसकी सास का देहांत हो गया ।
अब शोभा बिल्कुल अकेली पड़ गई उस पर उसके बेटे (राहुल ) की जिम्मेदारी आ गई ।
शोभा अपने बेटे के लालन-पालन मे लग गई उसे पढाया लिखाया अच्छे संस्कार दिए ।
धीरे-धीरे दिन बीतते गए और साल बन गए उधर राहुल भी
विवाह योग्य हो गया ।
शोभा ने अपनी सहेली सुधा की बेटी शालिनी से राहुल की शादी तय कर दी ।
कुछ दिनो बाद राहुल और शालिनी की शादी हो गई सब कुछ अच्छे से निपट गया ।
शालिनी विवाह कर राहुल के घर आ गई । सारे रस्म रिवाज पूरे हो गए ।
अगले दिन शालिनी जब रसोई की रस्म के लिए जाती है, तो शोभा उसे देखती है उसके होश उड़ जाते है ।
शालिनी को कही जगह खरोंच लगी हुई शोभा को अपनी शादी वाली रात याद आ जाती है ।
शोभा गुस्से से राहुल को आवाज लगाती है, शालिनी थोड़ा नर्वस हो गई और पूछती है मम्मी जी क्या हुआ कोई गलती हो गई क्या मुझसे राहुल सो रहे है वो देर रात तक जगते रहे ।
तुम्हारी हालत देखकर लग रहा है कि वो देर रात तक जगता रहा होगा ।
मेरी हालत देखकर मम्मी जी इसका मतलब नही समझी मै
शोभा शालिनी से तुम्हे ये चोटे कैसे आई यह खरोंच कैसे लगी है ।
तुम्हे मेरी कसम है, शालिनी बोलना शुरू करती है कि मेंहदी वाली रात जब डांस कर रही थी तो मै गिर गई थी और माथे पर चोट लग गई थी जिसे मैंने मेकअप से छिपा लिया था ।
चूड़ी निकालते वक्त हाथ मे ही टूट गई थी और लहंगे मे मिरर बरक था इसलिए निकालते समय पीठ खुरच गई थी ।शोभा तुम सच बोल रही हो ।
हाँ मम्मी जी मै सच बोल रही हूँ ।फिर राहुल देर रात तक क्यो जगता रहा?
मम्मी जी मेरी कल तबीयत ठीक नही थी, सिर दर्द हो रहा था तो राहुल ने मुझे दबाई दी और सिर दबाया मै तो सो गई पर वो जगते रहे मम्मी जी मै तो राहुल जैसा पति पाकर धन्य हो गई ।
शोभा की आँखो मे आंसु आ गए । तब तक राहुल भी आ गया और शालिनी से कहा इतनी जल्दी क्यो उठ गई कल तबीयत खराब थी आराम कर लेती ।
मम्मी आप मुझे आवाज लगा रही थी मै नहा रहा था हाँ बोलो मम्मी क्या काम है ।
शोभा बेटा तुम दोनो नाश्ता कर लो फिर शालिनी को उसके मायके वाले पगफेरे के लिए लेने आ रहे है इसलिए आवाज दे रही थी ।