नई दिल्ली : काले धन की जांच पर बनी मोदी सरकार की SIT के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) एमबी शाह ने आज साफ संकेत दिए की आने वाले समय में जिस किसी के घर से या दफ्तर से 15 लाख से ज्यादा कैस मिला तो तुंरत उसे जब्त कर लिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के तेज - तरार्र जज रहे एमबी साह ने कहा कि उन्होने सरकार से यह भी कहा कि 3 लाख नगदी की डील बिना रसीद होती हैं तो उसे गैर कानूनी करार दी जाएगी, चाहे कोई पुरानी कार खरीदे या कोई आभूषण खरीदे अगर तीन लाख रकम से ज्यादा डील हुई तो उसे अवैध माना जाएगा. और लेन- देन करने वाले दोनों पर कार्रवाई होगी.
जस्टिस एमबी शाह के इस सनसनीखेज़ खुलासे से काला धन छुपा कर रखने वाले धन्ना सेठ हिल गए हैं. इसकी एक वजह यह हैं कि जस्टिस शाह का यह सुझाव निजी नहीं हैं बल्कि जिस SIT के वह अध्यक्ष हैं उसे पीएम मोदी ने खुद बनाया हैं, यही नहीं जस्टिस शाह और उनके सहयोगी जस्टिस रिटायर अरिजीत पसायत संवैधानिक रुप से देश के किसी भी मुख्य सचिव या केन्द्र सरकार के सचिव को तलब कर के दस्तावेज मांग सकते हैं. इसलिए जस्टिस शाह जो भी कार्यवाही काले धन पर करते हैं उसे देश की सबसे बड़ी सुप्रीम कोर्ट मुहर लगाती है.
जस्टिस एमबी शाह को पीएम मोदी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति का भी संवैधानिक सर्मथन हैं. जस्टिस शाह ने दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि उन्हें खबर मिली हैं कि सराफा बाजार में कुछ व्यापार ी ऊंचे दामो पर सोने के बिस्किट ब्लैक कर रहे हैं . ये सोने के बिस्किट या आभूषण दुगने दामो पर पुराने नोटों के बदले लिए जा रहे हैं. जस्टिस ने कहा अगर पुराने नोटों लेकर ऊंचे नामों पर सोने के बिस्किट बेचे जा रहे हैं . तो सराफा व्यापारियों कि भी खेर नहीं. शाह के मुताबिक 8 नवंबर के बाद अगर कोई भी ऐसी डील की शिकायत मिलती हैं तो इनकम टैक्स, पैन नंबर से लेकर इस डील की सारे कागजात की जांच की जाएगी. अगर गड़बड़ी दिखी तो खरीदने वाले सहती बेचने वाले के खिलाफ भी कार्यवाई होगी.