रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक से झारखंड में नक्सली गतिविधियां एक झटके में फिलहाल ठप हो गईं हैं सराईकेला खंरसावा जिले के एसपी इंद्रजीत मेहता ने 'इंडिया संवाद' से एक बातचीत में बताया कि पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंदी ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है, जंगलों में छुपाया करोड़ो का कैश कागज का टुकड़ा बन गया है. राज्य सहित हमारे जिले में कैश कलेक्शन ठप होने से नक्सली अपनी गतिविधियां आगे नहीं बढ़ा पा रहे. अपहरण कर फिरौती मांगने की घटनाएं भी नहीं हो रहीं. जिससे नक्सली इलाकों में रहने वाली जनता को फिलहाल मोदी की इस काले धन के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक से राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है.
जंगलों में छुपाया करोड़ों का कैश बना कागज का टुकड़ा
एसपी मंहथा ने रांची में हुए नक्सली घटना का जिक्र करते हुए कहा की नक्सलियो के 30 लाख रुपये लेकर बैंक में जमा करने पहुंचे युवक को खुफिया सूचना पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इससे साफ पता चलता है कि नक्सलियों के कैंप में किस तरह से मोदी के फैसले ने तबाही मचाई है. अगर वे करोड़ों का कैश नई नोटों में नहीं भुना पाएंगे. जिसके चलते उनको गुजर बसर करना मुश्किल हो जाएगा. इसके साथ उन्होने इंडिया संवाद से बात करते हुए ये भी कहा कि सरकार को 2000 के नए नोट को बंद कर देना चाहीए.
जंगलों में बंकर बनाकर पैसा गाड़ते हैं नक्सली
इंद्रजीत मंहथा ने बताया कि नक्सलियों के कमांडर को टीम के खर्च के लिए फंडिंग होती है. हर कमांडर यह पैसा दो से तीन महीने का एडवांस रखता है. जिससे हथियारों की खरीद के साथ खाने-पीने के साज- सज्जा का सामान जुटाने के काम आते हैं. यह पैसा नक्सली या तो घने जंगलों में गड्ढे खोदकर बाॉक्स में रखकर गाड़ देते हैं या फिर इसके लिए बनाए गए बंकरों में रखी तिजोरियों में रखते हैं. मंहथा ने आगे बताया कि पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद होने से करोड़ों के कैश कागज के टुकड़े बन गए. यही वजह है कि नक्सली सदमे में हैं. उन्हे तगड़ा झटका लगा है.