देहरादून: गैरसैंण की वास्तविक स्थिति को लेकर विपक्ष बहुत ही आक्रामक रहा। सदन की कार्यवाही के दौरान भोजन माताओं का मानदेय न बढ़ाने पर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने कहा कि 01 अगस्त 2016 को मानदेय तो बढ़ाया गया लेकिन अभी तक भोजन माताओं को बढ़ा हुआ मानदेय मिला ही नहीं। वॉक ओवर के बाद सदन की कार्यवाही 12 बजकर 15 मिनट पर दोबारा शुरू हुई।
नेता विपक्ष अजय भट्ट के तीखे तेवर
हालांकि सदन शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि यह सातवीं बार है कि हम गैरसैंण आए हैं। हम यहां क्या कर रहे हैं - सरकार स्थायी राजधानी का मामला साफ करे। भट्ट ने कहा कि घोषणा के बाद सरकार का शासनादेश आया। बीजेपी के विधायक सुरिंदर सिंह जीना बोले कि उत्तराखंड सरकार ने गैरसैंण को राज्य अतिथि गृह बना दिया है। सरकार को जल्द ही गैरसैंण पर स्थिति साफ करनी होगी।
वेल में उतरे विधाय
बीजेपी विधायक गैरसैंण पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने की मांग को लेकर वेल में उतर गए। इस दौरान विधायकों ने सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। उन्होनें कहा कि गैरसैंण को ज़िला या राजधानी बनाया जाए। विधायकों ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार गैरसैंण पर स्थिति साफ नहीं करेगी सत्र को नहीं चलने दिया जाएगा। जिसके बाद सदन की कार्यवाही 3 बजे तक स्थगित कर दी गई।
CM हरीश रावत का सधा हुआ जवाब
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा भवन लगभग बनकर तैयार है। और शासनादेश गलती से जारी हुआ है। इससे पहले वंदेमातरम के साथ भराड़ीसैंण में उत्तराखंड विधानसभा के दो दिवसीय सत्र की शुरुआत हो गई। गैरसैंण से लेकर भराड़ीसैंण तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधायक मौजूद थे। मुख्यमंत्री हरीश रावत बदरीनाथ धाम से सीधे भराड़ीसैंण पहुंचे। सदन में मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस विधायक, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट सहित भाजपा के 15 विधायक मौजूद रहे।