नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े राजनीति क घराने में पिछले कुछ दिनों से चल रही घमासान अभी थमी नहीं है. हालांकि पार्टी मुखिया मुलायम के दखल देने के बाद मामला जुबानबंदी जरूर हुआ है, लेकिन चाचा और भतीजे के बीच चल रही यह लड़ाई अभी बंद नहीं हुई है बल्कि शुरू हुई बताई जाती है. जिसके चलते चाचा शिवपाल ने समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालते ही सीएम अखिलेश यादव के चेलों को चुन-चुन कर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है.
चाचा-भतीजे की लड़ाई ने पकड़ा जोर
समाजवादी पार्टी के भरोसेमंद सूत्र ने 'इंडिया संवाद' को बताया कि आज सुबह ही शिवपाल ने अपने एक खास पत्रकार मित्र को घर पर नाश्ते पर बुलाया था. जिसने पूछा नेताजी यह सब क्या हो रहा है तो शिवपाल बोले- अभी तो यह टेरर है. आगे -आगे देखिये जनाब अभी तो यह शुरुआत है. मतलब साफ है कि शिवपाल ने यह बात साफ कर दी है कि सीएम की कुर्सी को लेकर पहली बार देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने मुलायम के घर में शुरू हुई जंग की चिंगारी आग की तरह लपट पकड़ चुकी है.
मुलायम के हाथ से निकल चुकी है लड़ाई
हालांकि चुनाव की घडी नजदीक आ जाने के कारण मुलायम सिंह यादव ने उसको अपनी दखल देकर बुझाने का प्रयास जरूर किया है. लेकिन पार्टी में शिवपाल के करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद अमर सिंह, मीडिया मुग़ल और MCI के पूर्व अध्यक्ष केतन देसाई भी मुलायम के परिवार की इस लड़ाई में पीछे से नेताजी के छोटे भाई का ही साथ दे रहे हैं. बताया जाता है कि यूपी में पार्टी की साफ सुथरी छवि बनाने में लगे सीएम अखिलेश यादव और उनके करीबी चेलों को चुन-चुन कर सबक सीखने की शिवपाल ने ठानी है.
घर के झगडे का असर पार्टी पर
जिसके चलते मुलायम के घर से शुरू हुआ यह झगड़ा अब पार्टी के भीतर निकल कर पहुंच चुका है. इसको लेकर सीएम अखिलेश के करीबियों में आक्रोश व्यापत है. यही नहीं शिवपाल ने अखिलेश के करीबी कहे जाने वाले सपा के एमएलसी सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया और संजय लाठर के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर शिवपाल ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसी तरह यूथ बिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा बृजेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष यूथ बिग्रेड गौरव दुबे और प्रदेश अध्यक्ष छात्रसंघ सभा के दिग्विजय सिंह देव को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों और अपमानजनक टिपण्णी करने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
अखिलेश के करीबियों पर शिवपाल की तलवार
बताया जाता है कि ये वही करीबी सीएम अखिलेश के हैं जो चाचा शिवपाल से शुरू हुई लड़ाई में उनका साथ दे रहे थे. और अब जब मुलायम सिंह ने इस झगडे को सुलझाने के लिए शिवपाल सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी तो कुर्सी पर बैठते ही उन्होंने सबसे पहले अखिलेश के करीबियों की ही पार्टी से छुट्टी करनी शुरू कर दी. मालूम हो कि रविवार को राम गोपाल के भांजे और सपा एमएलसी अरविंद को भी छह साल के लिए शिवपाल ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था और आज इन लोगों के खिलाफ कारवाही की है. जिसके चलते अखिलेश खेमे के लोगों में रोष व्याप्त है.