देहरादून: उत्तराखंड में सबसे पुरानी विधानसभाओं में से एक लैंसडाउन विधानसभा चुनाव में 2017 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी मुश्किल बनते जा रहे हैं। इस सीट पर 2012 विधानसभा चुनाव में गुटबाज़ी के चलते कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद कांग्रेस के आधा दर्जन दावेदारों ने एक बार फिर से विधानसभा चुनावों के लिए खुली दावेदारी कर गुटबाज़ी को सरेआम सबके सामने ला दिया है. हालांकि लैंसडाउन विधानसभा सीट पर एक ओर जहां पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे टीपीएस रावत ने कांग्रेस के टिकट पर अपनी दावेदारी पेश की है, वहीं दूसरी ओर उनके खामस-खास एवं राज्य मंत्री रहें राजेन्द्र भंडारी ने भी उसी सीट पर दावेदारी पेश कर मोर्चा खोल दिया है.
लैंसडाउन में कांग्रेस का काउंटडउन
वहीं दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में दिग्गजों को मात देते हुए टिकट पाने में कामयाब रहीं ज्योति रौतेला पिछले चुनाव में भले ही गुटबाज़ी का शिक़ार हो गई हों, लेकिन इस बार भी लैंसडाउन विधानसभा सीट से अपनी प्रबल दावेदारी पेश कर रही हैं. दरअसल कांग्रेसियों में टिकट के लिए मचे घमासान को देखते हुए कांग्रेस नेता धीरेन्द्र प्रताप भी अपनी दावेदारी बताने से पीछे नहीं हट रहे हैं. टीपीएस रावत को धीरेन्द्र प्रताप उनकी उम्र और अनुभव का हवाला देते हुए राज्यपाल बनाने की पैरवी करके अपने रास्ते से हटाना चाहते हैं। धीरेन्द्र इस बात को भलीभांत जानते है कि टीपीएस रावत के होते हुए उन्हें टिकट मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमक़िन है।
कांग्रेस में चल रहे इस घमासान के चलते कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में भारी नुक़सान का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के भीतर चल रहे इस घमासान की चर्चा अब खुलकर सामने आ गई है। विरोधी यहां तक कह रहे हैं कि अब उन्हे कांग्रेस को हराने के लिए कुछ करने की आवश्यकता नहीं, कांग्रेस को हराने के लिए खुद कांग्रेस ही काफी है।